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दलित बच्चे की मौत से खफा, मीरा कुमार ने कही यह बात

jantaserishta.com
16 Aug 2022 3:45 AM GMT
दलित बच्चे की मौत से खफा, मीरा कुमार ने कही यह बात
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने स्कूल में दलित बच्चे के साथ मारपीट को लेकर राजस्थान की गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है. मीरा कुमार ने 100 साल पहले अपने पिता बाबू जगजीवन राम के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आखिर आजादी के 75 साल बाद भी जाति व्यवस्था हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बनी हुई है.

दरअसल, राजस्थान के जालोर में एक शिक्षक ने स्कूल में दलित बच्चे के साथ सिर्फ इसलिए मारपीट की थी कि उसने टीचर के घड़े से पानी पी लिया था. टीचर ने इतनी बेरहमी से पिटाई की थी कि बच्चे की कान की नस फट गई और हालत बिगड़ गई. परिजन गुजरात के अस्पताल तक लेकर गए, लेकिन जान नहीं बच सकी.
परिजन बच्चे के इलाज के लिए 25 दिन तक भटके. मगर किसी ने सुध नहीं ली. यहां तक कि आरोपी टीचर की तरफ से कोई मदद नहीं दी गई. इस घटना को लेकर पूरे देश में नाराजगी देखने को मिल रही है. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी निशाने पर आ गई है.
बिहार में जन्मीं मीरा कुमार पांच बार सांसद रही हैं. वे केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में देश की पहली महिला स्पीकर भी थीं. मीरा कुमार ने जालोर की घटना को लेकर ट्वीट कर कहा कि 100 वर्ष पहले मेरे पिताजी बाबू जगजीवन राम को स्कूल में सवर्णो के घड़े से पानी पीने से रोका गया था, किसी तरह उनकी जान बच गई. आज, इसी वजह से एक 9 साल के दलित बच्चे को मार दिया गया. आजादी के 75 सालों के बाद भी जातिवाद हमारा सबसे बड़ा शत्रु है, कलंक है.
राजस्थान के जालोर की घटना से आहत होकर सोमवार को बारां के कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. जानकारी के मुताबिक मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना इस्तीफा भेज दिया है. विधायक का कहना है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी प्रदेश के दलित वंचित वर्ग पर हो रहे अत्याचार से व्यथित होकर मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने विधायक पद से त्याग पत्र भेजा है.
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