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नई दिल्ली: मानसून सत्र के लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी मणिपुर मसले पर संसद में हंगामे के ही आसार नजर आ रहे हैं, क्योंकि सरकार और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने रुख पर अडिग है। शुक्रवार को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और मणिकम टैगोर ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोक सभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। तो वहीं राज्य सभा में कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल, आरजेडी सांसद मनोज झा और आप सांसद संजय सिंह सहित कई अन्य विपक्षी सांसदों ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोक सभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
विपक्ष मणिपुर के मसले पर सदन के अंदर प्रधानमंत्री के जवाब या बयान की मांग पर अड़ा हुआ है। जबकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार मणिपुर पर दोनों सदनों में चर्चा के लिए तैयार हैं। अध्यक्ष जब भी समय देंगे सरकार चर्चा के लिए तैयार है। सरकार का यह भी कहना है कि चूंकि इस तरह के मामलों की नोडल एजेंसी गृह मंत्रालय होता है, इसलिए मणिपुर पर चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह जवाब देंगे। प्रधानमंत्री के बयान की मांग करके विपक्ष जानबूझकर चर्चा से भागने का और सदन को बाधित करने का बहाना ढूंढ रहे हैं।
सरकार के सूत्र यह भी बता रहे हैं कि गृह मंत्रालय की तरफ से सत्र शुरू होने से पांच दिन पहले ही लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा सभापति को यह लिखकर बता दिया गया है कि सरकार सदन में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है।
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