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झारखंड विधानसभा के अंदर हंगामा, बाहर भी भाजपा विधायकों ने किया प्रदर्शन

jantaserishta.com
1 Aug 2023 8:36 AM GMT
झारखंड विधानसभा के अंदर हंगामा, बाहर भी भाजपा विधायकों ने किया प्रदर्शन
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रांची: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायकों ने राज्य की रिक्रूटमेंट पॉलिसी और लॉ एंड ऑर्डर के सवाल पर सदन के अंदर और बाहर जोरदार हंगामा किया। भाजपा विधायक राज्य को सुखाड़ ग्रस्त घोषित करने की भी मांग कर रहे थे। शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए। सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायक मनीष जायसवाल, बिरंची नारायण, अमर बाउरी, रणधीर सिंह, जेपी पटेल आदि ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। इन तख्तियों पर राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की विफलता, नियोजन नीति के नाम पर छात्रों से धोखाधड़ी जैसे स्लोगन लिखे थे। विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
झारखंड विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11.07 बजे शुरू हुई। स्पीकर ने आसन पर बैठते ही प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की। इससे पहले भाजपा के सचेतक बिरंची नारायण ने नियोजन नीति का मुद्दा उठा दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड में नियोजन नीति बनी नहीं है और 26,001 नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी हो गया। कोई इस मामले को हाईकोर्ट लेकर चला जायेगा और युवाओं का भविष्य अधर में लटका रह जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे भाजपा के सारे विधायक वेल में पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर उनसे आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल होने दें। लेकिन, भाजपा के विधायक मानने को तैयार नहीं थे। इस बीच भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि कल भी सदन बाधित था और आज भी। यह नौबत आखिर क्यों आयी है। जब पहले दिन कार्य मंत्रणा की बैठक हुई थी, उस दिन तय हुआ था कि स्पीकर नियोजन नीति, स्थानीयता और कानून व्यवस्था पर सदन में बहस कराएंगे। विपक्ष में होने के नाते सरकार से जवाब मांगना भाजपा का अधिकार है। हंगामे के बीच कई विधायकों के प्रश्न लिए गए।
भाजपा के मनीष जायसवाल ने प्रश्नकाल के दौरान लॉ एंड ऑर्डर का सवाल उठाया तो स्पीकर ने उनसे प्रश्नकाल में पूर्व निर्धारित प्रश्न पूछने का कहा। इस पर भाजपा विधायकों ने फिर से जोरदार हंगामा शुरू कर दिया और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
शून्यकाल शुरू होने पर भाजपा के सदस्यों ने फिर से वेल में पहुंचकर हंगामा करना शुरू किया। हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े मुद्दे उठाए। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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