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नई दिल्ली: पूर्वी निगम के सदन की बैठक में सोमवार को आप पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। नौबत भाजपा और आप की महिला पार्षदों के बीच गुत्थमगुत्था तक पहुंच गई। वेल में आकर विपक्षी पार्षदों ने दस्तावेज फाड़ दिए और महापौर का घेराव किया। इस पर कार्रवाई करते हुए महापौर ने आप के नेता विपक्ष सहित 17 पार्षदों को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया।
सदन की बैठक शुरू होते ही निगमायुक्त विकास आनंद ने एक माह की रिपोर्ट जैसे ही पढ़नी शुरू की और कहा कि रिपोर्ट शून्य है तो नेता विपक्ष मनोज कुमार त्यागी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि खजूरी खास में मजदूर की मौत और गाजीपुर में तालाब में डूब कर बच्चे की मौत के बाद भी रिपोर्ट कैसे शून्य हो सकती है।
नेता विपक्ष ने कहा कि चौहान बांगर के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मंदिर परिसर की 500 गज हिस्से को बेच कर उस पर बिल्डर फ्लैट बना रहे हैं। आखिर मंदिर की जमीन पर नगर निगम ने नक्शा कैसे पास कर दिया। मंदिर के मुद्दो को लेकर कांग्रेस के जुबेर चौधरी ने भी आपत्ति जताई। तभी आप के पार्षद एकत्रित होकर महापौर के समक्ष वेल में आ गए।
विपक्ष पार्षदों के वेल में आने पर नेता सदन सत्यपाल सिंह, निर्मल जैन ने उन्हें अपने स्थान पर बैठने के लिए कहा तो विपक्ष के सभी पार्षद आक्रोशित हो गए। इस पर भाजपा पार्षद उनके साथ भिड़ गए। महापौर श्याम सुंदर और नेता सदन सत्यपाल सिंह की तरफ से सदन की बैठक में निंदा प्रस्ताव जारी किया गया है।
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