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जेएनयू में फिर बवाल, स्क्रीनिंग के दौरान पथराव का आरोप, छात्रों का प्रदर्शन जारी
Shantanu Roy
24 Jan 2023 7:01 PM GMT

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न्यूज़ क्रेडिट: आज तक
बड़ी खबर
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर बवाल का केंद्र बन गया है. इस बार गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की बैन डॉक्यूमेंट्री 'India: The Modi Question' ने कैंपस में तनाव पैदा कर दिया है. हालात ऐसे बन गए हैं कि डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव किया गया है, इंटरनेट बंद कर दिया गया है और बिजली भी काट दी गई है. ये सारा बवाल इसलिए हो रहा है कि क्योंकि कुछ दिन पहले ही जेएनयू ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ना दिखाने का फैसला किया था. लेकिन JNUSU ने ऐलान कर दिया कि वो अपनी तरफ से छात्रों के लिए डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करेगा. अब उस स्क्रीनिंग के दौरान ये सारा विवाद देखने को मिल रहा है. एक तरफ प्रशासन ने बिजली काट दी तो दूसरी तरफ छात्रों पर पथराव भी हुआ.
अभी तक इस बवाल पर जेएनयू प्रशासन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. स्टूडेंट यूनियन ने भी कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है. लेकिन जमीन पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. बिजली काटने की वजह से सभी छात्र बाहर ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वैसे इस पथराव से पहले JNUSU की तरफ से जेएनयू प्रशासन को एक चिट्ठी भी लिखी गई थी. उस चिट्ठी में पूछा गया था कि कौन से कानून के तहत उन्हें डॉक्यूमेंट्री देखने से रोका जा रहा है. किस आधार पर स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की बात हो रही है. अब उस समय तो कोई जवाब नहीं मिला, लेकिन मंगलवार को जब छात्रों ने मोबाइल पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देखी तो उन पर पथराव कर दिया गया. उस पथराव के बाद छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचा और जेएनयू कैंपस एक बार फिर बवाल का केंद्र बन गया.
अब जानकारी के लिए बता दें कि इस समय पूरे देश में ही बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर बवाल देखने को मिल रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से पहले ही इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि बीबीसी द्वारा इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की गई. लेकिन कुछ लोग इस बैन को सेंसरशिप के रूप में देख रहे हैं. उनकी नजरों में मीडिया को कंट्रोल किया जा रहा है. जेएनयू में इन्हीं तर्कों के आधार पर JNUSU ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने की बात की. वैसे ऐसा नहीं है कि जेएनयू में सभी छात्र बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का समर्थन कर रहे हों. एक वर्ग ऐसा भी खड़ा है जो डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों को 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग का हिस्सा बता रहा है. उनकी तरफ से कहा जा रहा है कि जो लोग पहले भारत के टुकड़े करने की बात करते थे, अब बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का भी समर्थन कर रहे हैं.
लेकिन विरोध कर रहे छात्रों के पास जेएनयू प्रशासन के लिए एक नहीं कई सवाल हैं. सवाल नंबर 1- कैंपस में वो कौन सा कानून है जिसमें कहा गया हो कि कोई फिल्म की स्क्रीनिगं दिखाने के लिए प्रशासन से इजाजत लेनी होगी. सवाल नंबर 2- जो एडवाइजरी कैंपस द्वारा जारी की गई, वो कौन से कानून के तहत दी गई. सवाल नंबर 3- अगर कैंपस में फिल्म दिखाई भी गई तो कौन से नियम टूट जाएंगे. अब इन सवालों के आधार पर ही JNUSU अपने स्टैंड को मजबूत मान रहा है. उनकी नजरों में जेएनयू प्रशासन के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है. स्टूडेंट यूनियन इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि उनका कैंपस में डॉक्यूमेंट्री का दिखाने का उदेश्य कोई अशांति फैलाना नहीं है. सिर्फ उन छात्रों को डॉक्यूमेंट्री दिखाई जा रही है जो देखना चाहते हैं.
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