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अमृतसर। भाई मोहकम सिंह सरकारी सैटेलाइट अस्पताल सकत्तरी बाग में खूब हंगामा हुआ। गर्भवती महिला के परिजनों ने नवजात की मौत के लिए स्टाफ को जिम्मेदार ठहराते हुए काफी घंटे तक रोष जाहिर किया। मामला इतना बढ़ गया कि परिजनों के सामने ही डाक्टर व स्टाफ नर्स एक-दूसरे की जिम्मेदारी तय करते हुए बहसबाजी करने लगे। इसी दौरान मामले की जानकारी सिविल सर्जन को मिली व उन्होंने मौके पर जिला टीकाकरण अधिकारी डा. भारती को भेजना पड़ा। डा. भारती ने दोनों पक्षों की दलील सुनते हुए जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार जिला गुरदासपुर के कस्बा कलानौर की रहने वाली मोनिका 10 महीने से सरकारी अस्पताल सकत्तरी बाग अपना चैकअप करवा रही थी। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उसके पारिवारिक सदस्यों द्वारा डिलीवरी के लिए उसे अस्पताल में लाया गया। श्री गुरु रामदास अस्पताल में डिलीवरी के समय मृतक बच्चे के जन्म लेने के बाद पारिवारिक सदस्य सदमे में आ गए व उन्होंने सारे मामले की जिम्मेदारी सरकारी अस्पताल के स्टाफ पर डाल दी। इस दौरान पंजाब केसरी की टीम भी मौके पर सरकारी अस्पताल में पहुंच गई। परिजनों की बहसबाजी के बीच में स्टाफ नर्स व डाक्टर एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए दिखाई दिए तथा ड्यूटी पर जिम्मेदारी एक-दूसरे के तय करते हुए दिखाई दिए। उधर, दूसरी तरफ श्री गुरु रामदास अस्पताल में दाखिल प्रसव के बाद महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है।
गर्भवती महिला के पति वीरेंद्र कुमार ने बताया कि उसकी गर्भवती पत्नी 10 माह से उक्त सरकारी अस्पताल में डा. रितिका से चैकअप करवा रही थी तथा डाक्टर द्वारा स्पष्ट कहा गया था कि जच्चा बच्चा बिल्कुल तंदुरुस्त है व नॉर्मल डिलीवरी होनी है। वरिंदर कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी को जब डिलीवरी का समय नजदीक आया तो वह प्रसव पीड़ा की शिकायत के संबंध में अस्पताल में दाखिल करवाने आए। मौके पर पहले स्टॉफ ने चैक किया व कहा कि डिलीवरी कुछ समय के बाद नार्मल हो जाएगी, जच्चा बच्चा बिल्कुल ठीक है। उन्होंने कहा कि इसी दौरान उनकी पत्नी को बुखार तेज हो गया, जब वह अस्पताल में मौजूद स्टाफ नर्स से कहने गए कि उनकी पत्नी को बुखार तेज है तो उसने सीधे मुंह बात नहीं की तथा कहा कि दवाई दी है अपने आप बुखार उतर जाएगा, बार-बार न मेरे पास आओ। इस दौरान उनकी पत्नी को दर्द और तेज शुरू हो गया। जब वह फिर गए तो काफी समय के बाद स्टाफ नर्स वहां पर आए तथा उसने ओकअप किया तथा कहा कि उनके बच्चे की धड़कन नहीं पता लग रही, इसलिए उनकी पत्नी को श्री गुरु रामदास अस्पताल में ले जाएं।
वरिंदर ने आरोप लगाया कि जब वह अपनी पत्नी को अस्पताल से अन्य अस्पताल ले जाने लगे तो अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें सरकारी एंबुलैंस भी नहीं मुहैया करवाई गई तथा इसके बाद वह खुद अपनी प्राइवेट गाड़ी में श्री गुरु रामदास अस्पताल नजदीक शहीदा साहिब में लेकर गए, वहां से अन्य श्री गुरु रामदास अस्पताल वल्ला में उन्हें शिफ्ट कर दिया गया। वहां के डाक्टर द्वारा जब उनकी पत्नी की देर रात अल्ट्रासाउंड करवाई गई तो उन्होंने कहा कि उनके बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई है तथा उसके उपरांत वहां डिलीवरी की गई।
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Shantanu Roy
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