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पटना: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे जल्द ही राज्य में लागू किया जाएगा। यूपी सरकार भी इसे लागू करने पर विचार कर रही है। ऐसे में बिहार में भी कॉमन सिविल कोड लागू करने की मांग उठ रही है। इसे लेकर जदयू ने अपना रुख साफ कर दिया है। विधान पार्षद सह पार्टी के संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता नहीं है।
कुशवाहा ने कहा कि बिहार में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगा। देश में अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं। अभी जो व्यवस्था है, वह ठीक है। रविवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में जदयू नेता ने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार है। सब को पता है कि कई मसलों पर जदयू की राय भाजपा से अलग है। जब तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, राज्य में कॉमन सिविल कोड लागू होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। कॉमन सिविल कोड से परेशानी क्या है के सवाल पर जदयू नेता ने कहा कि आखिर इसकी जरूरत क्या है।
बता दें कि कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने बिहार में समान नागरिकता संहिता लागू करने बात कही थी। उनका कहना था कि ऐसे कानून की जरूरत इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए है कि हमारी जनसंख्या का घनत्व पहले ही उससे ज्यादा है जितना हम संभाल सकते हैं। उन्होंने कहा था कि यह राजनीतिक नहीं सामाजिक मुद्दा है।
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