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UPDATE: शेरों को नहीं हुआ CORONA...वायरस के वैरिएंट से नहीं है खतरा...जाने केंद्र सरकार ने क्या कहा

HARRY
4 May 2021 1:15 PM GMT
UPDATE: शेरों को नहीं हुआ CORONA...वायरस के वैरिएंट से नहीं है खतरा...जाने केंद्र सरकार ने क्या कहा
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फाइल फोटो 

हैदराबाद Zoo में शेरों को नहीं हुआ कोरोना

हैदराबाद चिड़ियाघर में रखे गए आठ एशियाई शेरों में SARS-COV2 रोग मिला है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ होती है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि शेरों को आइसोलेट कर दिया गया है और उपचार का असर दिखाई दे रहा है. इस वायरस का वेरिएंट मनुष्यों के लिए चिंता का विषय नहीं है और जानवरों से फैलने का कोई सबूत नहीं है. सरकार ने कहा मीडिया से अनुरोध करते हुए कहा है कि इस मामले पर रिपोर्टिंग करते समय सतर्क रहें.

मंत्रालय ने कहा कि टेस्ट के आधार पर अब यह पुष्टि की गई है कि आठ एशियाई शेरों SARS-CoV2 वायरस से संक्रमित हैं. शेर सामान्य रूप से व्यवहार कर रहे हैं और अच्छी तरह से खा रहे हैं. केंद्र ने कहा कि सभी कर्मचारियों के लिए निवारक उपाय पहले से ही मौजूद हैं. चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया है.

इससे पहले खबरें आई थीं कि कि हैदाराबाद के नेहरू जूलोजिकल पार्क (NZP) के लॉयन सफारी के 8 एशियाई शेरों में कोरोना के लक्षण पाए गए थे, उनको सांस लेने की तकलीफ हो रही थी, 24 अप्रैल को NZP ने सीसीएमबी को सूचित किया. चिड़ियाघर के अधिकारियों के मदद से सीसीएमबी ने उन्हें अनेस्थेसिया देकर उनके नाक, गला और सांस नली से सैंपल ली गई थी. 4 मई को उनकी टेस्ट रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई. यह बात आज सीसीएमबी और NZP के अधिकारियों ने प्रेस नोट जारी कर कही थी.
पास रहने की वजह से फैला संक्रमण
सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी ) में सलाहकार राकेश मिश्र ने मंगलवार को बताया कि प्रमुख अनुसंधान संस्थान में शेरों की लार के नमूनों की अच्छी तरह से जांच की गई और उनमें संक्रमण पाया गया. वे पास-पास रहते हैं, इसलिए उनमें संक्रमण फैल गया होगा. अब हम उनके मल के नमूनों की जांच करने पद्धति विकसित कर रहे हैं. यह पद्धति भविष्य में उपयोगी होगी, क्योंकि हर बार जंगली जानवर की लार का नमूना लेना संभव नहीं होता है.
समय-समय पशुओं के लिए जाते हैं सैंपल
प्राणी उद्यान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे समय-समय पर विश्लेषण के लिए पशुओं के नमूनों को सीसीएमबी भेजते रहते हैं. शेरो में बुखार जैसे लक्षण दिखे थे जिसके बाद उनके नमूने लेकर सीसीएमबी भेजे गए. पशुओं के नमूने दो तरह से लिए जाते हैं, एक 'स्क्वीज कैज' के जरिए से या उन्हें बेहोश करके. 'स्क्वीज़ कैज' पद्धति में, जानवर को एक तंग पिजड़े में बंद किया जाता है जहां कोई जगह नहीं होती है ताकि वे हिल न सके या नमूना लेने के दौरान विरोध न कर सके.
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