उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौरान न केवल डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व कोरोना योद्धाओं का हौसला बढ़ाया बल्कि खुद कोरोना पीड़ित होने के बावजूद लोगों के बीच जाकर उनका साहस बढ़ाते रहे। कोरोना संकट में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ काम किया। चिकित्सा के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी तय मानकों पर उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहे, इसी नई सोच से यहां काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को जी-20 का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला है। इसमें यूपी में भी कई कार्यक्रम होंगे। उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। यहां 76 फीसद सरफेस वाटर सिंचन होता है, लक्ष्य 100 फीसद का है। जी-20 के माध्यम से हम कृषि उत्पादों और उनका मूल्य संवर्धन कर किसानों को आर्थिक रूप से और समृद्ध कर सकेंगे।
कहा कि दुनिया में भारत की बदलती पहचान में युवाओं की बड़ी भूमिका है। भारत के युवाओं में चिंतन, नवाचार की अद्भुत क्षमता है। भारत को विकसित व समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने समृद्ध विरासत, स्वामी विवेकानंद, मदन मोहन मालवीय और महंत दिग्विजयनाथ जैसे महान व्यक्तित्व व उनसे मिली प्रेरणा को भी याद रखना होगा। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ की तपोभूमि गोरक्षनगरी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक है। नाथ संप्रदाय के योगियों ने धर्म, संस्कृति को मुगल शासकों के आक्रमण से बचाया। आजादी के आंदोलन में जब मदन मोहन मालवीय जी ने संस्कारप्रद व समग्र व्यक्तित्व विकास वाली शिक्षा के विचार दिए तब महंत दिग्विजयनाथ जी ने उसी अनुरूप महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर राष्ट्रीयता व समग्र व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देने वाली शिक्षा का बीजारोपण किया। महिला शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि व आयुर्वेद शिक्षा पर भी ध्यान दिया।