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उत्तरप्रदेश चुनाव: राकेश टिकैत के आंदोलन को फेल करने की तैयारी, भाजपा गांवों में चौपाल सजाकर किसानों से करेंगे चर्चा
Deepa Sahu
12 Aug 2021 3:46 PM GMT
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दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ओर कूच करने के बाद से ही भाजपा के खेमे में हलचल मची हुई है।
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ओर कूच करने के बाद से ही भाजपा के खेमे में हलचल मची हुई है। पार्टी ने राकेश टिकैत समेत अन्य किसान नेताओं को जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में किसान आंदोलन के प्रभाव से निपटने के लिए आठ सूत्रीय फॉर्मूला तैयार किया है। इसके सहारे पार्टी किसानों तक अपनी बातें पहुंचाएगी और उनकी नाराजगी को भी दूर करेगी।
पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने अमर उजाला को बताया कि राकेश टिकैत के उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन करने और चुनाव के दौरान रैलियां करने की घोषणा के बाद से पार्टी ने इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां तक राकेश टिकैत का सवाल है, तो उनके संगठन का प्रभाव पूरे यूपी में नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वे पार्टी को नुकसान जरूर पहुंचा सकते हैं। इसलिए पार्टी पश्चिमी यूपी में अपनी ताकत झोंक रही है। इसलिए इस क्षेत्र में पार्टी ने अपने दिग्गज नेता मंत्री संजीव बालियान, राज्यसभा सांसद विजय पाल सिंह तोमर सहित प्रदेश स्तर के कई बड़े मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है। इन नेताओं को किसानों के बीच जाकर पार्टी की सकारात्मक छवि बनाने को कहा गया है।
ये है पार्टी का आठ सूत्रीय फॉर्मूला
केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश संगठन ने तय किया है कि 16 से 25 अगस्त तक पार्टी के सभी सांसद, विधायक, पार्षद, किसान मोर्चा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता समेत संगठन से जुड़े सभी लोग 16 से 25 अगस्त तक गांवों में जाकर किसानों से चौपाल लगाकर चर्चा करेंगे।
गांवों में 50 से 100 किसानों की छोटी चौपालें बैठाई जाएंगी। इसमें किसानों की सभी समस्याएं सुनी जाएगी। ये सभी समस्याएं कैसे हल होगी और इसका पूरा फीडबैक फिर राज्य सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
इन चौपालों के जरिए गांवों में पार्टी किसानों की नब्ज टटोलेगी। ताकि आगामी चुनाव को देखते हुए उनकी प्रदेश सरकार से नाराजगी को दूर किया जा सके।
गांवों में किसानों की सभी समस्याएं सुनने के बाद ये नेता यूपी सरकार के साथ मोदी सरकार की किसान हितों की योजनाओं की जानकारी भी देंगे। वहीं नए कृषि कानून कैसे उनके लिए फायदेमंद है ये भी बताएंगे।
इस दौरान भाजपा नेता किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर्स के बारे में भी बताएंगे और गन्ना किसानों के 10,000 करोड़ रुपये के भुगतान की जानकारी भी किसानों को दी जाएगी। नई तकनीक से केले और गन्ने की खेती करने वाले किसानों को दी जा रही सब्सिडी के बारे में बताया जाएगा।
किसानों से मिलने के बाद उनकी समस्याओं और मांगों को 25 से 30 अगस्त तक जिलेवार एकत्र कर एक दस्तावेज तैयार किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व में इसे प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाएगा।
इस प्रतिनिधि मंडल में प्रदेशभर के 200 से 250 किसान होंगे। इसमें प्रदेश के हर जिले के व्यक्ति को शामिल करने की योजना है ताकि वो अपने जिले की समस्यों को ठीक तरीके से रख सके। इसके अलावा ब्लॉक और तहसील स्तर पर काम करने वाले भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्ता भी होंगे।
किसान मोर्चा की अगुवाई वाले इस प्रतिनिधिमंडल का राज्य सरकार भरोसा देगी कि अगले कुछ दिनों में सरकार इन पर एक्शन लेगी और उनकी मांगों को जल्द पूरा भी करेगी।
जन आशीर्वाद यात्रा से भी माहौल बनाने की तैयारी
इधर, संसद सत्र खत्म होने सभी नए केंद्रीय मंत्रियों को 16 से 17 अगस्त और 19 से 20 अगस्त के बीच जन आशीर्वाद यात्रा निकालने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने सांसदों से कहा है कि सांसद अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों को सरकारी योजनाओं और महामारी के समय में सरकार के कामकाज को जनता को बताएं। इसके साथ ही कृषि कानूनों के फायदे भी समझाए। दलित और पिछड़े समाज के मंत्रियों को उनके समाज के लोगों को भाजपा से जोड़ने के लिए खास जम्मेदारी सौंपी गई है। यूपी के नए मंत्री 16 से 18 अगस्त तक यूपी के अलग-अलग जिलों में आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे। खुली जीप में सवार होकर मंत्री लोगों के बीच संपर्क स्थापित करेंगे।
गौरतलब है कि नए केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा सात मंत्री बनाए गए हैं। राज्य में वर्ष 2022 की शुरुआती महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य के इन सात मंत्रियों के चयन में जातीय समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन के साथ डैमेज कंट्रोल का भी ख्याल रखा गया। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट हैं जबकि 403 विधानसभा सीट हैं।
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