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यूपी चुनाव: चौथे चरण की 60 सीटों में 23 फरवरी को होगा मतदान

Nilmani Pal
21 Feb 2022 1:29 AM GMT
यूपी चुनाव: चौथे चरण की 60 सीटों में 23 फरवरी को होगा मतदान
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यूपी। यूपी विधानसभा चुनाव के तीन चरणों की 172 सीटों पर वोटिंग समाप्त हो चुकी है. अब बारी चौथे चरण में 9 जिलों की 60 सीटों की है, जहां चुनाव प्रचार सोमवार को शाम पांच बजे थम जाएगा. इस चरण में रुहेलखंड से लेकर तराई बेल्ट और अवध क्षेत्र के 9 जिलों की 60 सीटों पर 624 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां पर बुधवार (23 फरवरी) को वोटिंग होनी है. इस फेज में लखनऊ और गांधी परिवार के गढ़ माने जानी वाली रायबरेली की सीटें शामिल हैं, जिसके चलते यह चरण सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है.

अवध इलाके के पिछले दो विधानसभा चुनावों के नतीजों देखने पर पता चलता है कि यहां के चुनाव में हवा के रुख का काफी असर रहता है और अवध के आशीर्वाद से सरकार बन जाती है. इस बार किसी भी बड़े राजनीतिक दलों में गठबंधन न होने की वजह से सभी पार्टियां अलग-अलग दमखम दिखा रही हैं.

सभी राजनीतिक दल और जनता चौथे चरण की वोटिंग के लिए तैयारियां कर रहे हैं. इस चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा जिले की कुल 60 सीटें पर चुनाव होंगे. इसमें 16 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. चौथे चरण में सपा 58 सीट पर चुनावी मैदान में है, जबकि 2 सीटों पर ओम प्रकाश राजभर की पार्टी चुनावी मैदान में है. बसपा और कांग्रेस 60 सीटों पर चुनावी मैदान में है, जबकि बीजेपी 57 और उसकी सहयोगी अपना दल (एस) तीन सीटों पर चुनावी मैदान में है.

चौथे चरण की जिन 60 सीटों पर चुनाव में हो रहे हैं, उसमें 90 फीसदी सीटों पर बीजेपी गठबंधन का कब्जा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से 51 सीटें बीजेपी ने जीती थी, जबकि एक सीट उसकी सहयोगी अपना दल (एस) को मिली थी. इस तरह से बीजेपी गठबंधन ने 52 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, सपा को 4 सीटें मिली थी तो कांग्रेस को 2 और बसपा को 2 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि, कांग्रेस से जीते दोनों विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है और बसपा से जीते दो विधायकों में एक बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

यूपी के चुनाव के चौथे चरण 9 जिलों में से चार जिलों में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था और विपक्ष को एक भी सीट नहीं मिली थी. पीलीभीत की चार सीटों में से चारों सीटें बीजेपी ने जीती, लखीमपुर खीरी की सभी आठों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. बांदा जिले की कुल 6 सीटें है, जिनमें से चौथे चरण में चार सीटों पर चुनाव हो रहे हैं और ये चारों सीटें बीजेपी के पास है. फतेहपुर में कुल 6 सीटें है, जिनमें से 5 बीजेपी और एक अपना दल (एस) को मिली थी.

अवध क्षेत्र की हरदोई जिले की 8 सीटों में से 7 बीजेपी और एक सपा को मिली थी. सीतापुर जिले में 9 सीट में से 7 बीजेपी एक बसपा और एक सपा को मिली थी. राजधानी लखनऊ जिले में कुल 9 सीटों में से 8 बीजेपी और एक सपा के पास है. ऐसे ही उन्नाव जिले की 6 सीट में से 5 बीजेपी और एक बसपा ने जीती थी. वहीं, गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में कुल 6 सीटें है, जिनमें से 3 बीजेपी, 2 कांग्रेस और एक सपा को मिली थी.

लखीमपुर खीरी हिंसा का मुद्दा हावी

चौथे चरण में तराई इलाके की सीटें भी शामिल हैं, जहां लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री टेनी मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को रौंदने के आरोप हैं. आशीष मिश्रा की जमानत के बाद सियासत गर्म है. विपक्ष न सिर्फ बीजेपी की सरकार पर आशीष मिश्रा को बचाने के आरोप लगा रहा है, बल्कि वो बीजेपी को किसान विरोधी भी बता रहा है. ऐसे में अगर विपक्ष अपने इन दावों से किसानों के बीच सेंध लगाने में कामयाब रहा तो तराई के इलाकों की सीटों के समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं.

बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर खीरी और उसके पड़ोसी जिलों में पीलीभीत, हरदोई, सीतापुर में दमदार प्रदर्शन किया. पीलीभीत में कुल 4 विधानसभा क्षेत्र हैं, यहां 2017 में बीजेपी को सभी सीटों पर जीत मिली थी. हरदोई में 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 8 में 7 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. सीतापुर में यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिले की 9 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में साफ है कि बीजेपी को अगर लखीमपुर खीरी हिंसा मामले से सियासी नुकसान हुआ तो उसके पास खोने के लिए बहुत कुछ होगा.

इन नेताओं की साख दांव पर

चौथे चरण में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है. गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में एंट्री करने वाले अदिति सिंह रायबरेली सदर सीट से चुनाव में हैं, जिनका मुकाबला सपा के आरपी यादव से है. योगी सरकार के मंत्री और ब्राह्मण चेहरा बृजेश पाठक अपनी पुरानी सीट छोड़कर लखनऊ कैंट सीट से मैदान में है. पुलिस अधिकारी की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखने वाले राजेश्वर सिंह सरोजनीनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनावी ताल ठोंक रहे हैं, जिनके मुकाबले सपा के पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा चुनाव लड़ रहे हैं. लखनऊ मध्य सीट से सपा के दिग्गज नेता रविदास मेहरोत्रा किस्मत आजमा रहा हैं.

चौथे चरण की 60 सीटें पर चुनाव

पीलीभीत, बरखेड़ा, पूरनपुर (सुरक्षित), बीसलपुर, पलिया, निघासन, गोला गोकरननाथ, श्रीनगर (सुरक्षित), धौरहरा, लखीमपुर, कस्ता (सुरक्षित), मोहम्मदी, महोली, सीतापुर, हरगांव (सुरक्षित), लहरपुर, बिसवां, सेवता, महमूदाबाद, सिधौली (सुरक्षित), मिश्रिख (सुरक्षित), सवायजपुर, शाहाबाद, हरदोई, गोपामऊ (सुरक्षित), सांडी (सुरक्षित), बिलग्राम-मल्लांवा, बालामऊ (सुरक्षित), संडीला, बांगरमऊ, सफीपुर (सुरक्षित), मोहान (सुरक्षित), उन्नाव, भगवंतनगर, पुरवा, मलिहाबाद (सुरक्षित), बक्शी का तालाब, सरोजनीनगर, लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य, लखनऊ कैंटोनमेंट, मोहनलालगंज (सुरक्षित), बछरांवा (सुरक्षित), हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी, ऊंचाहार, तिंदवारी, बबेरू, नरैनी (सुरक्षित), बांदा, जहानाबाद, बिंदकी, फतेहपुर, अयाहशाह, हुसैनगंज व खागा (सुरक्षित).

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