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UP Chunav 2022: बीजेपी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से ही क्यों दिया टिकट? जानें इसकी वजह

jantaserishta.com
16 Jan 2022 3:36 AM GMT
UP Chunav 2022: बीजेपी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से ही क्यों दिया टिकट? जानें इसकी वजह
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UP assembly election 2022: बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए 107 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. इस लिस्ट में दो चरणों के 105 उम्मीदवारों के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के भी नाम शामिल हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से टिकट दिया गया है. जबकि केशव मौर्या को प्रयागराज की सिराथू सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. पहले चर्चा थी कि सीएम योगी अयोध्या की सदर सीट से चुनाव लड़ेंगे. इसके लिए तैयारियां भी पूरी हो चुकी थीं. लेकिन पार्टी नेतृत्व ने सभी समीकरणों को ध्यान रखते हुए और रणनीति के तहत अंतिम पर समय फैसला लिया कि योगी आदित्यनाथ अयोध्या की सदर सीट की जगह अपने ग्रह क्षेत्र गोरखपुर शहर की सीट से ही चुनाव लड़ेंगे.
पार्टी सूत्रों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ अगर अयोध्या से चुनाव लड़ते तो ये संदेश जाता कि बीजेपी विकास की जगह हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है. साथ ही यदि योगी अयोध्या से चुनाव लड़ते तों उन्हें प्रचार के लिए काफी समय देना पड़ता जिससे पूरे प्रदेश में उनके प्रचार पर असर पड़ता.
ये ही कारण है कि पार्टी नेतृत्व ने काफी सोच- विचार के बाद ही योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर की सीट से चुनाव लड़वाने का फैसला किया है. योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से लगातार 5 बार सांसद रहे हैं.
बीजेपी सूत्रों के अनुसार योगी को गोरखपुर शहर की सीट से चुनाव लड़वाने के पीछे एक कारण ये भी है कि स्वामी प्रसाद मौर्या गोरखपुर के साथ लगती पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं. ऐसे में योगी आदित्यनाथ योगी गोरखपुर छोड़कर अयोध्या से चुनाव लड़ते तो विपक्ष ये प्रचारित करता कि योगी गोरखपुर से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. जिसका हर्जाना चुनाव में पार्टी को उठाना पड़ सकता था.
पार्टी योगी गोरखपुर से चुनाव लड़वाने के पीछे एक कारण ये भी है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद 2017 में योगी ने गोरखपुर के सांसद से इस्तीफा दिया था. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने कई दशकों के बाद गोरखपुर की लोकसभा सीट जीती थी. उसके बाद योगी के नेतृत्व पर पार्टी के अंदर और बाहर सवाल उठे थे. यही कारण है कि पार्टी किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है.
वैसे योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर की जीत की राह भी इतनी आसान नहीं है. क्योंकि गोरखपुर शहर से चार बार के विधायक राधामोहन दास अग्रवाल का टिकट काट कर दिया गया है.
2002 में योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी उम्मीदवार शिवप्रताप शुक्ला जो वर्तमान में राज्यसभा सांसद भी हैं, उनके खिलाफ राधामोहन दास अग्रवाल को हिंदू युवावाहिनी के बैनर से उतार कर शिवप्रताप शुक्ला को चुनावी मैदान में मात देकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला था. चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ और राधामोहन दास अग्रवाल के रिश्तों में खटास आ गई. 2007 में जब पार्टी राधामोहन दास अग्रवाल को टिकट देने का फैसला किया तो योगी ने उनका खुलकर विरोध किया था. 2012 के विधानसभा चुनाव में योगी ने बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान की मां के टिकट का जबरदस्त विरोध किया था. योगी कमलेश पासवान की मां के चुनाव प्रचार से दूर रहे थे.
आज योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर की राजनीति में विपक्ष के साथ-साथ पार्टी में भी शिवप्रताप शुक्ला, कमलेश पासवान और राधामोहन दास अग्रवाल जैसे विरोधी भी हैं, जिनका कभी ना कभी योगी आदित्यनाथ ने राजनीतिक विरोध किया है.
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