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यूपी: आगरा का एक ऐसा रेलवे स्टेशन पर पांच साल में 19 की गई जान
उत्तरप्रदेश : आगरा के राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर पांच साल में 19 लोग जान गवां चुके हैं। इस पर भी रेलवे ने स्टेशन की खामियां ठीक नहीं कराईं। सूचना के अधिकार के तहत मौत की जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर सुरक्षा ऑडिट कराने की मांग की है। बीते 5 नवंबर को नामी सर्जन डॉ. लाखन सिंह गालव की राजा की मंडी स्टेशन पर मौत से सभी हतप्रभ रह गए थे। इसकी वजह घुमावदार स्टेशन से खाली जगह होना माना गया। वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने पुलिस उपाधीक्षक रेलवे से बीते 5 साल में राजा की मंडी स्टेशन पर रेल हादसों में जान गंवाने वालों की जानकारी मांगी।
इसमें 2019-23 तक 19 मौत होने की जानकारी दी गई है। इसमें 2019 और 2023 में सबसे ज्यादा छह-छह मौत हुईं। 2020 में तीन और 2022 में चार की मौत हुई। 2021 में किसी की भी रेल हादसे में जान नहीं गई। ये हादसे आगे नहीं हों, इसके लिए ऑडिट टीम से सर्वे कराते हुए इसकी खामियां और तकनीकी गड़बड़ियों को दुरुस्त कराने के लिए पत्र लिखा गया है।बिल्लोचपुरा स्टेशन हो सकता है विकल्प सुझाया गया है कि राजा की मंडी स्टेशन का विकल्प बिल्लोचपुरा स्टेशन हो सकता है। इसकी दूरी भी राजा मंडी से करीब एक किमी है। यहां से शहर और हाईवे से भी सीधे जुड़ाव है।
2019 में इसे उच्चीकृत करने का प्रस्ताव तैयार हुआ था। रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री के सदस्य पंकज अग्रवाल का कहना है कि बिल्लोचपुरा स्टेशन पर और विकास कार्य होने, मुख्य ट्रेनों के ठहराव से यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ेगी। रेलवे को ट्रेनों का ठहराव बढ़ाना चाहिए। रेलवे की वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव का कहना है कि राजा की मंडी स्टेशन पर हादसों के बाद पूर्व में भी कई बार सर्वे हो चुके हैं। इसमें भौगोलिक परिस्थितियों के कारण संभव नहीं हो पा रहा है। रेल का संचालन यहां से अन्य स्टेशनों पर बढ़ाया है, भविष्य में इसकी और संभावना है।