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ऑनलाइन परीक्षा से पहले यूनिवर्सिटी करें स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन, UGC ने दिया आदेश जारी
Deepa Sahu
11 May 2021 2:11 PM GMT
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यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने ऑनलाइन परीक्षा को लेकर सभी यूनिवर्सिटी के नाम आदेश जारी किया है.
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने ऑनलाइन परीक्षा को लेकर सभी यूनिवर्सिटी के नाम आदेश जारी किया है. यूजीसी ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में यूनिवर्सिटी ऑनलाइन परीक्षाओं (Online Exam) का निर्णय लेने से पहले स्थानीय परिस्थितियों का ध्यान रखें. इससे साफ है कि यूजीसी है कि ऑनलाइन परीक्षाएं कराने से पहले राज्य व केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कोविड गाइडलाइंस (Corona Guidelines) का ध्यान रखा जाए.
यूजीसी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को भी महत्व दिया जाए. यूजीसी ने देश भर के विश्वविद्यालयों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और अपने परिसरों को सुरक्षित रखने आग्रह किया है. साथ ही यूजीसी ने कहा है कि यूनिवर्सिटी छात्रों और स्टाफ को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करें. बता दें कि यूनिवर्सिटी में आखिरी वर्ष की परीक्षा को लेकर यूजीसी ने फैसला लिया है. ददूसरी ओर डूटा अध्यक्ष राजीब रे कहा है कि सेवानिवृत्त चुके शिक्षकों की पेंशन व ग्रेच्युटी भी तत्काल दी जाए.
UGC चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह ने दी जानकारी
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह ने इस विषय पर देशभर के विश्वविद्यालयों को एक पत्र लिखा है. अपने पत्र में यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि यूनिवर्सिटी कोरोनो वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट रहे और अपने कैंपस को सुरक्षित बनाएं. साथ ही के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह ने इस विषय पर देशभर के विश्वविद्यालयों को एक पत्र लिखा है. अपने पत्र में यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि विश्वविद्यालय कोरोनोवायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट रहे और अपने कैंपस को सुरक्षित बनाएं.
डूटा ने यूजीसी को लिखा पत्र
दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (DUTA) ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के चेयरमैन को पत्र लिखा है. डूटा ने कहा कि " हम टर्मिनल सेमेस्टर वर्ष के छात्रों के बारे में यूजीसी से अपने निर्णय की समीक्षा करने का अनुरोध करते हैं. हम अनुरोध करते हैं कि पिछले वर्ष की तरह, एमफिल, पीएचडी सबमिशन के लिए समय सीमा में विस्तार किया जाए. "
डूटा के मुताबिक " डीयू में जिन शिक्षकों की मृत्यु हुई है उनके परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए. साथ ही डीयू में शिक्षकों की मौत को लेकर जो स्थितियां हैं उसके बारे में भी यूजीसी को अवगत कराया है."
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