x
नितिन शाक्य (Nitin Shakya) पढ़ाई में इतने कमजोर थे कि 12वीं में स्कूल वालों ने उन्हें एडमिट कार्ड देने से भी मना कर दिया.
नितिन शाक्य (Nitin Shakya) पढ़ाई में इतने कमजोर थे कि 12वीं में स्कूल वालों ने उन्हें एडमिट कार्ड देने से भी मना कर दिया. उनके स्कूल की प्रिंसिपल को लगता था कि अगर वे बोर्ड एग्जाम देंगे तो पक्का फेल होंगे और स्कूल का नाम खराब होगा. (फोटो सोर्स- नितिन शाक्य इंस्टाग्राम)
नितिन शाक्य (Nitin Shakya) की मां ने बड़ी कोशिशों और स्कूल में रिक्वेस्ट कर उन्हें एडमिट कार्ड दिलवाया. हालांकि इसके बाद नितिन ने कड़ी मेहनत की. एग्जाम में कुछ दिन ही बचे थे और उन्होंने इसके लिए स्ट्रेटजी बनाई. नितिन ना सिर्फ एग्जाम में पास हुए, बल्कि कई विषयों में टॉप भी किया. (फोटो सोर्स- नितिन शाक्य इंस्टाग्राम)
12वीं में अच्छे नंबर हासिल करने के बाद नितिन शाक्य (Nitin Shakya) का कॉन्फिडेंस काफी बढ़ गया और उन्हें लगा कि वे कड़ी मेहनत के दम पर कुछ भी हासिल कर सकते हैं. इसके बाद उन्होंने मेडिकल का एंट्रेंस एग्जाम (PMT) दिया और अच्छी रैंक हासिल की. (फोटो सोर्स- नितिन शाक्य इंस्टाग्राम)
मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद नितिन शाक्य (Nitin Shakya) को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया और उन्होंने MBBS की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने एनेस्थीसिया में पोस्टग्रेजुएशन भी किया. (फोटो सोर्स- नितिन शाक्य इंस्टाग्राम)
डॉक्टर बनने के बाद नितिन शाक्य (Nitin Shakya) स्लम इलाकों में बच्चों के इलाज के लिए जाते थे. वह गरीब बच्चों को मुफ्त इलाज देते थे, लेकिन उनको अहसास हुआ कि उन बच्चों को बेहतर शिक्षा और अन्य सुविधाओं की भी जरूरत है. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी एग्जाम देकर आईएएस बनने का फैसला किया. (फोटो सोर्स- नितिन शाक्य इंस्टाग्राम)
नितिन शाक्य (Nitin Shakya) ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की और इसके साथ ही मेडिकल प्रैक्टिस भी करते थे. पहले प्रयास में प्रीलिम्स व मेंस परीक्षा पास कर ली, लेकिन फाइनल रिजल्ट में केवल 10 नंबर से उनका सिलेक्शन नहीं हो सका. इसके बाद दूसरे प्रयास में नितिन मेंस परीक्षा पास नहीं कर सके और तीसरे प्रयास में वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर सके थे. (फोटो सोर्स- नितिन शाक्य इंस्टाग्राम)
Next Story