किसानों का अनोखा प्रदर्शन, बैलों की जगह खुद जुए में जुत गए किसान
हिसार। हिसार में अनेक मांगों को लेकर किसानों ने अनोखा प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम, क्रांतिकारी किसान यूनियन, अखिल भारतीय मनरेगा सहयोग मंच, भारतीय किसान यूनियन अंबावता के किसान नेताओं के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया। किसान बैल की जगह खुद को जुए …
हिसार। हिसार में अनेक मांगों को लेकर किसानों ने अनोखा प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम, क्रांतिकारी किसान यूनियन, अखिल भारतीय मनरेगा सहयोग मंच, भारतीय किसान यूनियन अंबावता के किसान नेताओं के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया गया।
किसान बैल की जगह खुद को जुए में जोतकर हल चलाते हुए हकृवि के 4 नंबर गेट से विरोध प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय तक पहुंचे। इससे पहले किसान हकृवि गेट नंबर 4 से प्रदर्शन करते हुए यहां पहुंचे। यहां से हल और जुए में जुड़कर किसानों ने रोष प्रदर्शन किया। इन सभी किसानों को लघु सचिवालय गेट पर रोक दिया और वहां पर भारी संख्या में डी. एस.पी. के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रहा। एस.डी.एम. डा. जयवीर यादव को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम मांगों संबंधी ज्ञापन सौंपा गया। किसानों ने मांगों का समाधान न होने पर 26 जनवरी को बड़े आंदोलन की घोषणा करने का ऐलान किया है।
जोगेंद्र मैयड़ सुरेश कोथ चरण पाल सिंह ने बताया कि किसानों ने राष्ट्रीय मुद्दों एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून लागू करवाना, किसान और मजदूर संपूर्ण कर्ज मुक्ति, मनरेगा को कृषि से जोडक़र मनरेगा मजदूरों की 600 रुपये दिहाड़ी दी जाए और सी2 जमा 50 के तहत यानी की लागत का डेढ़ गुना भाव देकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए। बेरोजगार होते युवाओं को रोजगार देने आदि मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एडीसी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि 72 गांवों के किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है जिससे उनमें भारी रोष है। अगर 25 जनवरी तक यह बकाया मुआवजा नहीं मिला तो 26 जनवरी को किसान बड़ा आंदोलन करेंगे।
वहीं इसके अलावा किसानों की एक और बड़ी समस्या आवारा पशुओं की है। वह भी किसानों ने प्रशासन के समक्ष रखी, क्योंकि आवारा पशु किसान की फसल को चट कर जाते हैं और उसे भारी नुकसान उठाना पड़ता है। अगर प्रशासन ने जल्द ही इसका कोई प्रबंध नहीं किया तो किसान सभी आवारा पशुओं को डीसी ऑफिस के सामने छोडकर जाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार समय रहते इन सभी मांगों को मान ले नहीं तो किसान और मजदूर जोरदार विरोध आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएगा और आने वाली 2024 में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।