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पुलिस अफसरों की अनोखी पहल, क्राइम रोकने करने शुरू किया ये काम

HARRY
19 Aug 2021 3:36 PM GMT
पुलिस अफसरों की अनोखी पहल, क्राइम रोकने करने शुरू किया ये काम
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फाइल फोटो 

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झारखंड/जामताड़ा। साइबर क्राइम (Cyber Crime) के गढ़ के रूप में पूरे देश में विख्यात झारखंड (Jharkhand) के जामताड़ा जिले में प्रशासन ने एक अनोखी पहल शुरू की है, जिसमें प्रत्येक सप्ताह थानेदार, बीडीओ, सीओ व अन्य पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी विभिन्न गांव के सामुदायिक पुस्तकालयों में जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं. साइबर क्राइम के दाग को मिटाने और लोगों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उपायुक्त की पहल पर पहले तो जिले के सभी पंचायतों में पुस्तकालय का निर्माण कराकर सही ढंग से संचालन किया जा रहा है. यही नहीं अब प्रत्येक सप्ताह बुधवार को प्रशासनिक पदाधिकारी तथा शनिवार को पुलिस पदाधिकारी उन पुस्तकालय में जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं.

यही नहीं समय-समय पर बच्चों का परीक्षा भी लेते हैं, ताकि बच्चों के बौद्धिक विकास के स्तर को जान सके. इतना ही नहीं नाला स्थित सामुदायिक पुस्तकालय में नाला थाना के सब इंस्पेक्टर आकाश कुमार सिंह प्रतिदिन सामुदायिक पुस्तकालय में जाकर छात्र छात्राओं को पढ़ाते हैं. उनके द्वारा दर्जनों छात्र छात्राओं को गांव के पुस्तकालय में ही एसएससी, जेएसएससी, जेपीएससी तथा यूपीएससी जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है. साथ ही महीने में दो बार तैयारियों की परीक्षा भी ली जाती है, जिससे गांव के लड़कों में भी काफी खुशी देखी जा रही है.

118 पंचायतों में बना पुस्तकालय

बता दें कि जामताड़ा जिला झारखंड का पहला ऐसा जिला है जहां प्रशासन द्वारा सभी 118 पंचायत में पुस्तकालय बनाए गए हैं. पढ़ने के लिए पुस्तक उपलब्ध कराए गए हैं और इसकी जानकारी वेबसाइट के माध्यम से भी दी गई है. साथ ही जिला प्रशासन द्वारा अंतर पुस्तकालय वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें विजेताओं को सम्मानित भी किया गया. उपायुक्त फैज़ अक अहमद मुमताज ने कहा कि पुस्तकालय का मुख्य उद्देश्य गांवो में सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को प्राइवेट विद्यालय में जो फैसिलिटीज और एक्सपोजर होता है, वो देना है. ताकि गांवो के बच्चे शहरों के बच्चे से हर क्षेत्र में बराबरी कर सकें. उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह आवश्यक है कि आम नागरिकों में इनकी जानकारी तथा जागरुकता हो.

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