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ट्विटर पर कार्रवाई के बाद बोले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद - हम इस मामले में हैं ही नहीं

Admin2
16 Jun 2021 1:28 PM GMT
ट्विटर पर कार्रवाई के बाद बोले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद - हम इस मामले में हैं ही नहीं
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भारत के नई आईटी नियमों का पालन नहीं करना ट्विटर को भारी पड़ गया है. ट्विटर को झटका लगा है, इस माइक्रो ब्लॉगिंग साइट को भारत में मिलने वाली लीगल प्रोटेक्शन यानी कानून सुरक्षा खत्म हो गई है. इस मामले पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी है.बातचीत में उन्होंने कहा कि टिकटॉक और अन्य ऐप को भी देश की सुरक्षा के मद्देनजर बैन किया गया था. ट्विटर को लेकर हमारे पास अथॉरिटी नहीं है उनका जो कुछ होता है अमेरिका से होता है. ट्विटर की मौजूदा व्यावस्था ऐसी है. गाइडलाइंस सोशल मीडिया के यूज को लेकर नहीं है, इसके मिसयूज और ऐब्यूज के खिलाफ है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नेताओं को छोड़ दीजिए, पत्रकार यहां तक कि जजों को भी बदनाम किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर न्यूडिटी, फेक न्यूज फैलाई जा रही है. इसके खिलाफ आवाज उठानी जरूरी है. गाइडलाइन के रूल 7 के तहत यह कहा गया है कि अगर आप नियमों का उल्लंघन करते हैं तो सेक्शन 79 का स्टेटस आपसे वापस ले लिया जाएगा.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कोई कंपनी अमेरिका में व्यापार के लिए जाती है तो क्या उसे वहां के नियमों का पालन नहीं करना होता है? यह साधारण सी बात है. मैं लोगों को स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस गेम में हम लोग नहीं है. हम केवल सोशल मीडिया यूजर्स को मजबूत बना रहे हैं जिनके साथ सोशल मीडिया पर गलत होता है. यह मामला केंद्र बनाम ट्विटर या फिर मोदी सरकार बनाम ट्विटर का नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरा सवाल ये है कि कंपनी उस नियम का पालन क्यों नहीं करी है जो यूजर्स को ध्यान में रखकर बनाया गया है. उन्होंने गाजियबाद के मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि क्या सोशल मीडिया की यह जिम्मेदारी नहीं बनती है कि वो ऐसे कंटेंट को जांचें. मैनिपुलेटेड का टैग देने के लिए यह दोहरा रैवया क्यों है? यह सवाल पूछे जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें अपने लोकतंत्र पर गर्व है. हमारे पास संविधान है और न्यायपालिका है.

बता दें कि ट्विटर का लीगल प्रोटेक्शन का हटना गंभीर मसला है. अब ट्विटर भारतीय कानूनों के दायरे में आ गया है और उसे किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. साइबर लॉ एक्सपर्ट का कहना है कि, "आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लीगल प्रोटेक्शन मिलता है. इसमें किसी भी आपराधिक गतिविधियों के लिए कंपनी की जिम्मेदारी नहीं होती, लेकिन अब अगर किसी कानून का उल्लंघन होता है तो उसके लिए ट्विटर के इंडिया हेड की जिम्मेदारी होगी."

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