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पेगासस कांड को लेकर केंद्रीय मंत्री नकवी का पलटवार, बोले- 'जासूसी की जेम्स बॉन्ड' थी कांग्रेस
Deepa Sahu
1 Aug 2021 6:52 PM GMT
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पेगासस जासूसी मामले को लेकर संसद के मानसून सत्र में लगातार चल रहे।
पेगासस जासूसी मामले को लेकर संसद के मानसून सत्र में लगातार चल रहे गतिरोध को लेकर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। नकवी ने रविवार को कहा कि सत्ता में रहने के दौरान 'जासूसी की जेम्स बॉन्ड' रही पार्टी अब फर्जी एवं मनगढ़ंत मुद्दे पर संसद का समय बर्बाद करना चाहती है।
राज्यसभा के उपनेता ने कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों पर 'रैंट एंड रन (आरोप लगाओ और भाग जाओ) का रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया और कहा कि सरकार इस मानसून सत्र में जनता से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्धारित तिथि 13 अगस्त से पहले मानसून सत्र के खत्म होने की बातें महज अफवाह हैं।
जल्द खत्म होगा गतिरोध
नकवी ने यह उम्मीद भी जताई कि जल्द ही गतिरोध टूटेगा और दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी, क्योंकि सरकार विपक्षी दलों के साथ लगातार संपर्क में है। पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है।
सत्ता में रहते हैं तो जाल बिछाते हैं, विपक्ष में होते हैं तो बखेड़ा खड़ा करते हैं
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस राफेल की तरह पेगासस को भी बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है, नकवी ने दावा किया कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस खुद 'जासूसी की जेम्स बॉन्ड' थी। उन्होंने कहा, 'राफेल पर क्या हुआ, आपको पता है। खोदा पहड़ा निकली चुहिया। उसमें ये लोग बुरी तरह बेनकाब हुए। ये लोग जासूसी के जेम्स बॉन्ड हैं। जब ये सत्ता में होते हैं तो जासूसी का जाल बिछाते हैं और जब विपक्ष में होते हैं तो जासूसी का बखेड़ा खड़ा करते हैं। इनके समय में इनके वित्त मंत्री ने अपनी जासूसी का आरोप अपनी ही सरकार पर लगाया था।
बता दें, 19 जुलाई से मानसून सत्र शुरू हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कांग्रेस और उसके साथी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग संसद में चर्चा नहीं चाहते। इन्होंने सबसे पहले कोरोना पर चर्चा की मांग की, फिर इस पर सहमत नहीं हुए। फिर कहा कि किसान के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, उस पर भी सहमत नहीं हुए। बाढ़ और महंगाई पर भी चर्चा में इनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
पेगासस मनगढ़ंत मुद्दा
पेगासस को फर्जी और मनगढ़ंत मुद्दा करार देते हुए उन्होंने कहा, 'अगर इस तरह के मुद्दे पर विपक्ष स्पष्टीकरण चाहता था तो वह सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के बयान के बाद मांग सकता था। लेकिन उन्होंने उग्र रवैया अपनाया और हंगामा किया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर विपक्षी पार्टियां चर्चा चाहती हैं। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस विपक्षी दलों की स्वयंभू चौधरी बनने की कोशिश कर रही है। अपने नकारात्मक रवैये को विपक्ष का रवैया बता रही है। जो विपक्षी दल सदन में चर्चा चाहते हैं, उनकी सोच को कांग्रेस हाईजैक करने की कोशिश कर रही है।
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