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वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन से मुलाकात किए केंद्रीय मंत्री मंडाविया, कोवैक्सीन को WHO की मंजूरी दिलाने की कोशिश जारी
Deepa Sahu
12 Aug 2021 2:19 PM GMT
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डा. सौम्या स्वामीनाथन से मुलाकात की.
नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डा. सौम्या स्वामीनाथन से मुलाकात की। और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के लिए वैश्विक स्वास्थ्य निकाय की मंजूरी पर चर्चा की। मंडाविया ने एक ट्वीट कर बताया कि उन्होंने डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डा. सौम्या स्वामीनाथन के साथ बैठक की। इस बैठक में हम लोगों ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी देने पर सार्थक चर्चा की। बैठक में डा. सौम्या ने कोरोना की रोकथाम के लिए भारत द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
पिछले महीने राज्यसभा को बताया गया था कि भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल कराने के लिए नौ जुलाई तक सभी आवश्यक दस्तावेज विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सौंपे जा चुके हैं। इस सवाल के जवाब में कि क्या यह सरकार के संज्ञान में आया है कि भारत में कोविड वैक्सीन के रूप में इस्तेमाल की जाने वाले कोवैक्सीन को कई देशों में मान्यता प्राप्त नहीं है, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लिखित उत्तर में कहा कि भारत सरकार को पता है कि कोवैक्सीन वर्तमान में डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) का हिस्सा नहीं है।
Union Health Minister Mansukh Mandaviya today met WHO Chief Scientist Dr Soumya Swaminathan and held a discussion over WHO's approval of Bharat Biotech's Covaxin. pic.twitter.com/1qcMTLQ3PX
— ANI (@ANI) August 12, 2021
इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बताते हुए, पवार ने कहा कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा 9 जुलाई 2021 तक आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज डब्ल्यूएचओ को जमा कर दिए गए हैं। डब्ल्यूएचओ ने समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी है। डब्ल्यूएचओ आमतौर पर आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) सबमिशन पर निर्णय लेने में छह सप्ताह तक का समय लेता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी और इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के साथ साझेदारी में भारत बायोटेक द्वारा विकसित, कोवैक्सीन को तीन जनवरी को आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया था। बाद में परीक्षण के परिणामों से पता चला कि यह वैक्सीन 78 फीसद कारगर है।
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