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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कहा कि सरकार किसानों से आधी रात को भी बात करने को तैयार है
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कहा कि सरकार किसानों से आधी रात को भी बात करने को तैयार है। पहले भी सरकार ने किसानों से कई बार बातचीत कर समस्या का हल निकालने का प्रयास किया है। तोमर ने यह बात पत्रकारों से चर्चा में कही। वे यहां ग्वालियर संभाग के आठ जिलों में मेडिकल उपकरणों के वितरण समारोह में शामिल होने आए थे।
जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में पत्रकारों ने तोमर से पूछा कि कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध बना हुआ है, आखिर बात कहां अटकी है? जवाब में उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार है। कानून वापस लेने की मांग को छोड़कर एक्ट से संबंधित किसी भी प्रविधान पर कोई भी किसान यूनियन आधी रात को बात करने आ सकती है। नरेन्द्र सिंह तोमर उनका स्वागत करता है।'
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के अनुच्छेद 370 फिर से लागू करने संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि अव्वल तो कांग्रेस की सरकार आना नहीं है। अगर आती भी है तो अब कश्मीर में अनुच्छेद 370 कोई लागू नहीं कर सकता।
तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए किसान
बता दें कि किसान संगठन, तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार का कहना है कि वह जरूरत के अनुसार इसमें सुधार कने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार ने कई बार संकेत दिए हैं कि किसान संगठनों को सिर्फ इन कानूनों को रद करने से इतर कानूनी बिंदुओं पर बात करनी चाहिए, तभी बात आगे बढ़ सकती है।
कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना योद्धाओं को सुरक्षित करने में वैक्सीन पूरी तरह सफल रही है।
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गौरतलब है कि देश में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच, एक बार फिर से किसान आंदोलन को तेज करने की कवायद की जा रही है। इसको लेकर किसान 26 जून को देशभर के राजभवन पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं। किसानों की तरफ से ऐलान किया गया है कि 26 जून को देश के सभी राज्यपालों के घर (राजभवन) के बाहर धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान 26 जून को देश भर में राजभवनों के बाहर प्रदर्शन करेंगे और इस दिन को 'खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाएंगे।
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