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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता जल्द, मुख्यमंत्री ने कही यह बात...
jantaserishta.com
11 April 2022 3:05 AM GMT
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देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया जल्दी शुरू होने जा रही है। यह ऐलान राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को किया है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की तरफ से किए गए वादों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पहाड़ी राज्य में दोबारा सत्ता हासिल करने में सफलता हासिल की है। हालांकि, धामी को खटीमा सीट से हार का सामना करना पड़ा था।
रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान धामी ने कहा, 'हम सभी वादे पूरे करेंगे। हम राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेंगे। हमने 1064 एंटी-करप्शन मोबाइल ऐप भी लॉन्च कर दी है, जहां आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं और मैं आपको भरोसा देता हूं कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी।' मार्च में ही भाजपा नेता ने कहा था कि समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा।
मार्च में राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता मसौदा तैयार करने के लिए एक्सपर्ट पैनल गठित करने की घोषणा की थी। उत्तराखंड में सरकार बनने के बाद सीएम धामी के नेतृत्व में हुई पहली बैठक में यह फैसला लिया गया था। खास बात है कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता का जिक्र था।
10 मार्च को चुनाव परिणाम जारी होने के बाद धामी ने कहा था, 'हमने चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता को लेकर वादा किया था कि हमारी सरकार इसे लागू करेगी। हम शपथ ग्रहण समारोह के बाद हितधारकों की एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करेंगे। कमेटी मसौदा तैयार करेगी, जिसे हम लागू करेंगे। इसके अलावा हम दूसरे सभी वादे पूरे करेंगे।'
समान नागरिक संहिता नागरिकों के व्यक्तिगत कानून बनाने और लागू करने का एक प्रस्ताव है, जो धर्म, लिंग की परवाह किए बगैर सभी नागरिकों पर एक समान रूप से लागू होता है। फिलहाल, देश में अलग-अलग समुदायों के पर्सनल लॉ धार्मिक ग्रंथों के आधार पर चलते हैं।
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