प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत रबी मौसम की फसलों का लाभ 31 दिसम्बर तक ले सकेंगे किसान
भीलवाड़ा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत रबी मौसम हेतु गेहूं, जौ, चना, सरसों मसूर एवं ईसबगोल की फसलों की बीमा सुरक्षा का लाभ 31 दिसम्बर तक प्राप्त किया जा सकेगा।
संयुक्त निदेशक, कृषि इन्द्र सिंह संचेती ने बताया कि जिले में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी को फसल बीमा करने हेतु अधिकृत किया गया है। उन्होंने किसानों से अपील कर कहा कि सभी किसान योजना से जुड कर लाभ प्राप्त करें। बीमा प्रीमियम बीमित राशि की ईसबगोल हेतु पांच एवं अन्य फसलों हेतु डेढ प्रतिशत नियत किया गया है। शेष प्रीमियम राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा आधी-आधी अनुदान के रूप में वहन की जाती है।
इसी प्रकार पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत आंवला, बैंगन, फूलगोभी, लहसुन, अमरूद, नीम्बू, आम एवं टमाटर का भी बीमा करवाया जा सकता है। जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड ले रखा है, वे स्वतः ही इस योजना का लाभ ले सकेंगे तथा जो किसान केडिट कार्ड धारक इस योजना से नहीं जुडना चाहते हैं, उन्हें इस योजना से पृथक होने की अंतिम तिथी 25 दिसम्बर है तथा यदि किसान केडिट कार्ड में अंकित फसल से अन्य फसल की बुवाई की है, तो वे 29 दिसम्बर तक बैंक को बोई गई फसल की जानकारी दे सकते हैं, ताकि उन्हें फसल खराब होने की स्थिति में बुवाई की गई फसल का बीमा कवरेज का लाभ उपलब्ध हो सके। जो किसान किसान क्रेडिट कार्ड धारी नहीं वे भी इस योजना से जुडना चाहते हैं तो वे बैंक, सीएससी, अथवा फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से बीमा ले सकते हैं। योजना से जुडने हेतु भू-स्वामित्व के साक्ष्य, जमीन कब्जे में होने का प्रमाण पत्र, बैंक खाता सम्बन्धी साक्ष्य, आधार कार्ड की प्रति ऑनलाईन जमा करवाने होंगे साथ ही एक स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र जिसमे प्रत्येक खसरा संख्या का कुल क्षेत्र, प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्र, मालिक का नाम एवं बीमा हित का प्रकार अंकित कर प्रस्तुत करना होगा।
बंटाईदार कृषक भी चाहे तो वे भी फसल बीमा योजना से जुड सकते हैं। बंटाईदार कृषक को सम्बन्धित खातेदार से लिखित में यह शपथ पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करेगा कि उस खातेदार के द्वारा जमीन बंटाई पर दी गई है, उसे स्वयं के बैंक खाते की प्रति उपलब्ध करवानी आवश्यक होगी, साथ ही उसे राजस्थान का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र, जिस कृषक से जमीन बटाई परं ली है उसका आधार कार्ड भी प्रस्तुत करना होगा।
खडी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि बाढ़, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भूस्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि और चकवाल के कारण में उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा सम्पदित फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त उपज आंकडों के आधार पर होगा।