भतीजे के कारनामे से चाचा हैरान, जानिए अतीक को मारने वाले 10वीं पास शूटर के बारे में
उसके चाचा सुनील ने बताया कि दसवीं क्लास तक अरुण ने पानीपत में ही पढ़ाई की थी. इसके बाद वो यूपी चला गया था. करीब 1 सप्ताह पहले वो पानीपत में उसके घर आया था. यहां उसने घर में किसी से कोई बातचीत नहीं की. उसने अपने दोस्तों से कहा था कि वो शादी में किसी दोस्त के पास दिल्ली जा रहा है. इसके बाद अरुण का फोन स्वीच ऑफ हो गया था. सुनील का कहना है कि उस पर पानीपत में केस दर्ज हैं. कई बार वो हथियार रखने के मामले में जेल जा चुका था. मगर, उसका स्वभाव इतना हिंसक प्रवत्ति का नहीं था. उसने अतीक अहमद और उसके भाई को क्यों मारा, इस बारे में हम लोगों को कोई जानकारी नहीं है. उसका किसी गिरोह से कोई संबंध भी नहीं था. वो पानीपत की एक फैक्ट्री में भी काम करता था. मगर कभी ऐसा करेगा, ये किसी ने भी नहीं सोचा था.
गौरतलब है कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार रात तीन शूटर्स ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद शूटर्स ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. इसमें अरुण मौर्य उर्फ कालिया भी था. जब वो छोटा था, तभी उसके माता-पिता की मौत हो गई थी. साल 2014-15 में कासगंज बरेली-फर्रुखाबाद रेलवे मार्ग पर ट्रेन में लूट के बाद एक सिपाही की हत्या कर दी थी. इस मामले में अरुण जेल गया था. कहा जाता है कि इस घटना के बाद अपराधियों से उसके तार जुड़ गए और वो जरायम की दुनिया में घुसता चला गया. उसके दो छोटे भाई भी हैं, जो फरीदाबाद में रहकर कबाड़ का काम करते हैं. बता दें कि शनिवार रात को पुलिस की टीम माफिया अतीक और अशरफ को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में जांच के लिए लेकर पहुंची थी. इसी दौरान पत्रकार बनकर पहुंचे तीन शूटर्स ने माफिया बंधुओं पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी. तीनों आरोपियों की पहचान बांदा निवासी लवलेश तिवारी, कासगंज निवासी अरुण मौर्य और हमीरपुर जिला निवासी सनी के रूप में हुई है. तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.