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पेगासस जासूसी प्रकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा - निजता का सम्मान होना चाहिए

Rani Sahu
22 July 2021 5:34 PM GMT
पेगासस जासूसी प्रकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा -  निजता का सम्मान होना चाहिए
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पेगासस जासूसी प्रकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष (निर्वाचित) अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है

नई दिल्ली, प्रेट्र। पेगासस जासूसी प्रकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष (निर्वाचित) अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि निजता मनुष्य का अधिकार है, इसका सम्मान होना चाहिए। कहा, सभी सभ्य देशों के संविधान में निजता को प्रत्येक नागरिक का अधिकार माना गया है और उसके सम्मान का संकल्प व्यक्त किया गया है। शाहिद इस समय मालदीव के विदेश मंत्री हैं। लेकिन वह संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष (निर्वाचित) की हैसियत से तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आए हुए हैं।

शाहिद ने कहा, डिजिटल युग में प्रशासन को इस बात का ज्यादा गंभीरता से ध्यान रखना होगा कि निजता का सम्मान बना रहे। यह बात दुनिया के सभी देशों पर लागू होती है। उल्लेखनीय है कि भारत समेत दुनिया के कई देशों में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये जासूसी होने की बात सामने आई है। आरोपों की जांच भी हो रही है।
पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
गुरुवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शाहिद से मुलाकात कर भारत और मालदीव के संबंधों पर बात की। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र के अध्यक्ष के रूप में शाहिद को पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया। विदेश मंत्रालय के अनुसार शाहिद अपने दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। सात जून को महासभा का अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद शाहिद का यह पहला विदेश दौरा है।
बता दें कि एक रिपोर्ट की जानकारी दी गई कि 50,000 से अधिक फोन नंबर को हैक किया गया है। इस कारण भारत में विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर ले रखा है। फोन हैकिंग में नेताओं सहित पत्रकारों का भी नाम सामने आया है। माना जा रहा है कि इस्राइली सर्विलांस कंपनी NSO- Group के पेगासस सॉफ़्टवेयर के माध्यम से निगरानी की गई।
दरअसल मामला यह है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 300 से अधिक लोगों के फोन टैप कराए गए। इसमें दो केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, 40 से अधिक पत्रकार, एक मौजूदा जज, सोशल वर्कर और कई उद्योगपति शामिल हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देश में वर्ष 2018 और 2019 के बीच फोन टैप कराए गए थे।


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