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उद्धव ठाकरे की शरद पवार के साथ होगी बैठक, 16 विधायकों की सदस्यता हो सकती है रद्द?

jantaserishta.com
24 Jun 2022 12:26 PM GMT
उद्धव ठाकरे की शरद पवार के साथ होगी बैठक, 16 विधायकों की सदस्यता हो सकती है रद्द?
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरावल विधान भवन पहुंच गए हैं. बता दें कि शिवसेना विधायकों ने उनसे 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना के विधायक एक-एक करके उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ते दिख रहे हैं. दूसरी तरफ गुवाहाटी में बैठे बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट मजबूत होता जा रहा है.

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक उठापटक के बीच महाराष्ट्र नव निर्माण सेना का एक पोस्टर वायरल हो रहा है. इस पोस्टर के जरिए उसने मौजूदा रानीतिक हालात पर शिवसेना की चुटकी ली. उसने पोस्टर लगा कर शिवसेना से पूछा कि अब कैसा लग रहा है आपको. यह पोस्टर मुंबई के साकीनाका इलाके में लगाया गया है. इस तंज के पीछे एक कारण यह है कि कुछ साल पहले शिवसेना ने MNS पार्षद को अपनी ओर खींच लिया था और तब MNS खत्म होने की कगार पर थी.
एनसीपी नेता जयंत पाटिल बोले कि अगर 40 विधायक टूरिस्ट बनकर सूरत और गुवाहाटी चले गए तो इसका मतलब यह नहीं कि वह हमारी सरकार में नहीं हैं. वह शिंदे साहब के पीछे हैं और अभी शिंदे साहब सरकार के बाहर नहीं गए हैं न ही उन्होंने इस्तीफा दिया. अभी तक कुछ शिवसेना के हिस्सा हैं और सरकार में मंत्री हैं. अभी तक किसी ने राज्यपाल को इस्तीफा नहीं भेजा है.
एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने बताया कि सरकार सुचारू रूप से काम कर रही है. अभी ऐसी कोई तस्वीर दिखाई नहीं पड़ रही, जिससे यह पता चले कि सरकार से समर्थन वापस ले लिया गया है, हां कुछ विधायक जरूर बाहर गए हैं. ढाई साल गठबंधन की पार्टियों ने सरकार चलाई है और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सब कुछ बेहतर चला है. उपाध्यक्ष के पास दस्तावेज जमा किए गए हैं लेकिन अब तक उन्होंने क्या कार्यवाही की है, उसकी जानकारी मुझे नहीं मिली है. सभापति सुबह नासिक गए थे. वह अब लौट आए हैं, ऐसे में वही उचित कदम उठाएंगे.
अजीत पवार ने बताया कि कल हमने राजनीति संकट पर एनसीपी के स्टैंड पर बात की. आज मैंने शरद पवार से मुलाकात की. अब शाम 6:30 बजे हम उद्धव ठाकरे से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा स्टैंड क्लीयर है. हम सीएम उद्धव ठाकरे के साथ हैं. अजीत पवार का कहना है कि भले ही विद्रोही कह रहे हों कि उनके पास संख्या है, लेकिन वह शिवसेना के साथ हैं. बहुमत अभी भी एमवीए के पास है.
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