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राहुल गांधी के खिलाफ आक्रामक हुए उद्धव ठाकरे, कहा - बंद करे वीर सावरकर का अपमान करना

Nilmani Pal
27 March 2023 12:41 AM GMT
राहुल गांधी के खिलाफ आक्रामक हुए उद्धव ठाकरे, कहा - बंद करे वीर सावरकर का अपमान करना
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महाराष्ट्र। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आक्रामक हो गए और उन्होंने वीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बयान न देने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जबसे उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है, तबसे यह पहली बार था कि उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी पर हमला किया हो.

नासिक के पास मालेगांव शहर में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह मराठी मानुस के प्रेरणास्त्रोत वीर सावरकर के खिलाफ किसी भी अपमानजनक बयान को बर्दाश्त नहीं करेंगे. बता दें कि बीते दिनों राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मैं सावरकर नहीं हूं, गांधी हूं और गांधी कभी माफी नहीं मांगता.

उद्धव ठाकरे ने अपने 30 मिनट के भाषण में कहा, "कल मैंने राहुल गांधी की प्रेस स्टेटमेंट सुनी. यह लड़का वास्तव में अच्छा बोलता है. उसने एक कठिन सवाल पूछा, 20 हजार करोड़ रुपये किसका है, बीजेपी के पास इसका एक जवाब नहीं है."

उद्धव ने आगे राहुल गांधी को चेतावनी दी कि वीर सावरकर उनके भगवान हैं, सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ठाकरे ने अपने भाषण में आगे राहुल गांधी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि उनकी पार्टी एमवीए महाविकास अघाड़ी में है क्योंकि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं. यदि आप एक साथ लड़ना चाहते हैं, तो यह स्पष्ट है कि हमारे भगवान का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उद्धव ठाकरे ने कहा कि सावरकर के खिलाफ एक भी लाइन बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यह इस सार्वजनिक मंच पर एक खुली चेतावनी है. उद्धव ने अपने भाषण में आगे कहा कि कोई भी उस युग में अंग्रेजों द्वारा सावरकर को दी गई यातनाओं के बारे में पढ़ सकता है. यदि कोई वास्तव में क्रूरता, अत्याचार की सजा का अनुभव करना चाहता है तो फ्लैशबैक में जाना होगा. उद्धव ने समझाने की कोशिश की कि कैसे 15 साल की उम्र में वीर सावरकर ने भारत को ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने की शपथ ली थी. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ निरंतर लड़ाई लड़ी और 14 साल तक ब्रिटिश शासन की क्रूर यातनाएं झेलनी पड़ीं. 14 साल तक सावरकर को अंडमान और निकोबार द्वीप की सेलुलर जेल में कारावास के दौरान चाबुक से पीटा गया था. कोई आम इंसान 14 साल का क्रूर अत्याचार नहीं सह सकता है.


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