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बोरवेल में गिरे दो साल के मासूम को सुरक्षित बाहर निकाला गया
Shantanu Roy
5 April 2024 4:26 PM GMT
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बड़ी खबर
विजयपुर। विजयपुर जिले के लाचयान गांव में बोरवेल में गिरे दो साल के सात्विक मुजगोंड को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने बचा लिया। बचाव अभियान 20-22 घंटे तक चला। बचाव टीम बच्चे को जीवित बाहर निकालने में सफल रही। कीचड़ में लथपथ सात्विक को स्ट्रेचर पर बाहर खींचा गया। इसके फौरन बाद उसे घटनास्थल पर मेडिकल टीम के साथ मौजूद एम्बुलेंस में स्थानांतरित किया गया। इससे पहले दिन में, बचावकर्मी सात्विक के पास पहुंचे और उसके जीवित होने की पुष्टि की। तब जाकर परिजनों और वहां मौजूद सभी लोगों ने राहत की सांस ली।
कर्नाटक की विजयपुर जिले मे खुली बोरवेल मे गिरी हुईं 25 फ़ीट गहराई से दो साल की बच्चे को NDRF और SDRF टीमों ने नयी जिंदगी दीया..लगादार 24 घंटे की परिश्रम से...
— Dr..Pravin Uttareshwar(Modi Family ) (@PravinUttaresh3) April 5, 2024
योद्धाओ को कोटि नमन. pic.twitter.com/vzBdKeDpOV
इसके बाद दल ने बचाव अभियान और तेज कर दिया। सात्विक बुधवार शाम को अपने घर के पास खेलते समय बोरवेल में फिसल गया था। शाम करीब 6.30 बजे बचाव अभियान शुरू किया गया था। टीम को सात्विक के 15-20 फीट की गहराई पर फंसे होने का अनुमान था। गुरुवार सुबह जब बचाव अभियान शुरू हुआ तो सात्विक के रोने की आवाज सुनाई दी। सात्विक को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बोरवेल में पाइप डाले गए थे। बचाव प्रक्रिया को तेज करने के लिए कुशल ट्यूबवेल ड्रिलिंग श्रमिकों को भी शामिल किया गया।
विजयपुर जिलाधिकारी टी. भूबलन ने बताया कि सात्विक खतरे से बाहर है। बचाव दल ने बोरवेल में ऑक्सीजन पाइप और एक एंडोस्कोपी कैमरा उतारा। बोरवेल पाइप के बगल में एक खाई खोदी गई और दोनों को जोडऩे वाली एक अन्य क्षैतिज खाई के माध्यम से बच्चे को उसमें गिरा दिया गया। बीच में चट्टान के आने के कारण कुछ देर के लिए बचाव कार्य बाधित हुआ, लेकिन अंतत: टीम को सफलता मिली और सात्विक को सुरक्षित बचा लिया गया। पुलिस दल, राजस्व अधिकारी, तालुक पंचायत के सदस्य, अग्निशमन विभाग और आपातकालीन सेवाओं के अधिकारी भी बचाव अभियान के दौरान मौजूद थे। पुलिस के मुताबिक, सात्विक के पिता सतीश मुजगोंड की 4 एकड़ जमीन में बोरवेल खोदा गया था। सात्विक के दादा शंकरप्पा ने बोरवेल खुदवाया था। पानी नहीं निकलने के कारण बोरवेल को खुला छोड़ दिया गया था।
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