भुवनेश्वर: प्रतिबंधित सीपीआई-माओवादी की दो कट्टर महिला माओवादी कैडरों ने मंगलवार को ओडिशा के बौध जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाली महिलाओं की पहचान 21 वर्षीय मनीषा थाती, 8वीं कंपनी की सदस्य और 22 वर्षीय चंपा कोरम उर्फ सजंती, सीपीआई-माओवादी के कालाहांडी-कंधमाल-बौध-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन की महानदी क्षेत्र समिति की सदस्य …
भुवनेश्वर: प्रतिबंधित सीपीआई-माओवादी की दो कट्टर महिला माओवादी कैडरों ने मंगलवार को ओडिशा के बौध जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
आत्मसमर्पण करने वाली महिलाओं की पहचान 21 वर्षीय मनीषा थाती, 8वीं कंपनी की सदस्य और 22 वर्षीय चंपा कोरम उर्फ सजंती, सीपीआई-माओवादी के कालाहांडी-कंधमाल-बौध-नयागढ़ (केकेबीएन) डिवीजन की महानदी क्षेत्र समिति की सदस्य के रूप में हुई है।
आत्मसमर्पण करने वाली दोनों माओवादी छत्तीसगढ़ के हैं, जिन्होंने पुलिस महानिरीक्षक, दक्षिणी रेंज, जय नारायण पंकज केे समक्ष आत्मसमर्पण किया।
अधिकारियों ने बताया, "इन माओवादियों का काम झारखंड से छत्तीसगढ़ तक दक्षिण-मध्य ओडिशा के माध्यम से उत्तर-दक्षिण गलियारे को फिर से सक्रिय करना था। सीपीआई-माओवादी संगठन में यह 2018 सेे काम कर रहे हैं। इसके अलावा यह ओडिशा और छत्तीसगढ़ में हुई कई हिंसक वारदातों में शामिल रहे हैं। उन्होंने सम्मानजनक जीवन जीने के मकसद सेे आत्मसमर्पण किया है।"
आत्मसमर्पण करने वालेे उग्रवादियों ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि वो लगातार उग्रवादी संगठनों में घट रही अनैतिक घटनाओं जैसे महिला कैडर के साथ यौन शोषण, डरा-धमकाकर धन उगाही करना, झूठे वादे और प्रचार से युवा लड़कों और लड़कियों को संगठन में शामिल करने जैसी गतिविधियों से तंग आ चुकी थी। इसके अलावा भांग की खेती और व्यापार को प्रोत्साहित करना और निचले स्तर के कैडर के प्रति वरिष्ठ नेताओं के अमर्यादित व्यवहार से भी दोनों महिलाएं तंग आ चुकी थी।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले दो महीनों में छत्तीसगढ़ कैडर के लगभग 10 से 12 उग्रवादी शिविर से भाग गए हैं। उन्हें राज्य सरकार की पुनर्वास योजना के तहत हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया गया है।