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दो कुख्यात नक्सली गिरफ्तार, चार लोगों को फांसी देकर की थी हत्या

Shantanu Roy
10 Aug 2023 11:08 AM GMT
दो कुख्यात नक्सली गिरफ्तार, चार लोगों को फांसी देकर की थी हत्या
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पटना। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा- माओवादी का शीर्ष नेता सह पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा एवं अनिल यादव को बिहार एसटीएफ, गया पुलिस एवं सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों माओवादिओं को गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद सीआरपीएफ की कोबरा टीम प्रमोद से पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार किया गया नक्सली प्रमोद मिश्रा उर्फ लव कुश गया में एक ही परिवार के चार लोगों को फांसी पर लटका देने का आरोप है। बताया जाता है कि प्रमोद मिश्रा औरंगाबाद का रहने वाला है। वह भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य भी है। 14 नवंबर 2021 को डुमरिया के मोनबार जंगल से सटे इलाके में रहने वाले सरयू सिंह भोक्ता के घर हमला किया था। सरयू सिंह भोक्ता के दोनों बेटे सतेंद्र और महेंद्र और उनकी पत्नी मनोरमा देवी और सुनीता की हत्या कर दी थी। इसके बाद चारों शव को फंदे पर लटका दिया था। फिर बम से घर भी उड़ा दिया था। वारदात के बाद नक्सलियों ने घर के बाहर एक पर्चा भी चिपकाया था।
इसमें बदला लेने के लिए इस परिवार के सदस्यों की हत्या की बात कही गई थी। इस हत्या में कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और उसके साथी आरोपी हैं। नक्सली समूह माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया में मिश्रा को पार्टी के अंदर सोहन दा, शुक्ला जी, कन्हैया, जगन भरत, नूर बाबा, बीवी जी, अग्नि, और बाण बिहार के नाम से जाना जाता है। इसे दिल्ली संचालन का भी प्रभारी बनाया गया था। प्रमोद मिश्रा हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों में आंदोलन को सक्रिय करने में काफी मदद की थी। कहा जा रहा है कि 2008 में भी गिरफ्तारी हुई थी। लेकिन प्रमोद मिश्रा को 2017 में सबूत के अभाव में रिहा कर दिया गया था। तब से वह फरार था। देश के दक्षिणी राज्यों में सक्रिय हो गया था। झारखंड सरकार ने 1 करोड़ रुपए का इनाम रखने का प्रस्ताव सुरक्षा एजेंसियों को दिया था। गया के एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि बीते दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव टिकारी अनुमंडल के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में घूमकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। दोनों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम (गया पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसी ) का गठन किया गया, जिसके बाद कुख्यात नक्सली प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव गिरफ्तार किया गया।
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