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केरल (Kerala) में जीका वायरस (Zika virus) के दो और मामले सामने आए हैं जिसके बाद राज्य में वायरस के कुल मामलों की संख्या 46 हो गई है
केरल (Kerala) में जीका वायरस (Zika virus) के दो और मामले सामने आए हैं जिसके बाद राज्य में वायरस के कुल मामलों की संख्या 46 हो गई है. इनमें से 5 मामले अभी भी एक्टिव हैं. राज्य सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक तिरुवनंतपुरम के कुमारपुरम की एक 42 वर्षीय महिला और कोल्लम के कोट्टाराक्कारा की एक 30 वर्षीय महिला जिका वायरस से संक्रमित पाई गई है. हालांकि इनमें से किसी को भी अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है और सभी की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है.
इससे पहले केरल में जीका वायरस संक्रमण के तीन और मामले सामने आए थे, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41 हो गई थी. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बुधवार को बताया कि जीका वायरस से संक्रमित पांच मरीजों का इलाज चल रहा है. मंत्री ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि 26 और 37 वर्षीय अनायरा के दो निवासी और पेट्टा के 25 वर्षीय एक निवासी में जीका वायरस की पुष्टि हुई.
उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज की वायरस विज्ञान प्रयोगशाला में की गई जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई. उन्होंने कहा कि इस समय सभी संक्रमितों की हालत संतोषजनक है. इससे पहले मंगलवार को तिरुवनंतपुरम के कुलाथूर में एक 49 वर्षीय महिला वायरस से संक्रमित पाई गई थीं.
2-7 दिनों तक आम तौर पर रहते हैं लक्षण
यह वायरस डेंगू और चिकुगुनिया फैलाने वाले एडीस मच्छर से फैलता है. एडीस मच्छर आम तौर पर दिन के समय, खास कर सुबह और शाम में काटने के लिए जाना जाता है. वर्तमान में 86 देश और क्षेत्रों ने मच्छर के फैलाव से जीका वायरस के सबूत बताए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस बीमारी के प्रकोप अफ्रीका, एशिया और अमेरिका में सामने आ चुके हैं.
जीका के लक्षण बुखार, स्किन पर चकत्ते और जोड़ में दर्द जैसे लक्षण बिल्कुल डेंगू की तरह होते हैं. हालांकि जीका वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में लक्षण नहीं होता, लेकिन उनमें से कुछ को बुखार, मांसपेशी और जोड़ का दर्द, सिर दर्द, बेचैनी, फुन्सी और कन्जंक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है. ये लक्षण आम तौर से 2-7 दिनों तक रहते हैं. वर्तमान में जीका वायरस संक्रमण का इलाज या रोकथाम करने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है.
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