एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है वहीं दूसरी तरफ लखनऊ के दो बड़े अस्पतालों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इन अस्पतालों पर आरोप है कि यहां अंग तस्करी की जा रही है. प्रदेश की राजधानी में स्थित इंटीग्रल और एरा मेडिकल कॉलेज पर ये आरोप लगे हैं. यह मामला सरकार के संज्ञान में आ चुका है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि मामले की जांच कराने के लिए सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था. साथ ही कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी जांच के लिए पत्र लिखा था.
दरअसल, चिनहट के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडेय का बेटा आदर्श कमल पांडेय जिसकी उम्र 27 वर्ष है. वह कोरोना पॉजिटिव हो गया था. शिव प्रकाश ने बताया कि कोरोने संक्रमित होने के बाद आदर्श कमल पांडेय को इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. यहां भर्ती आदर्श ने बहन को मैसेज कर जानकारी दी कि यहां मरीजों के साथ गलत काम किए जा रहे हैं.
उसने आशंका जताई की मरीजों के अंग निकाले गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद आदर्श को सामान्य वार्ड से निकालकर आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. इसके बाद आदर्श ने अपनी बहन से जल्द से जल्द वहां से बाहर निकालने के लिए कहा देर होने पर खुद को मार डालने की बात कही.
इसके बाद परिजनों ने आदर्श को एरा मेडिकल कॉलेज रेफर कराया. आरोप लगाया गया है कि पहले से ही एरा के स्टाफ को फोन कर दिया गया. युवक के खिलाफ साजिश करते हुए तबीयत और बिगाड़ दी गई. इतना ही नहीं परिजनों का कहना है कि पहले तो उन्हें आदर्श के ठीक होने की बात फोन करके अस्पताल ने बताई लेकिन बाद में उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार का आरोप है कि मेडिकल कॉलेड ने आदर्श को मार डाला है.