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लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां बुधवार शाम सीवर की सफाई के दौरान दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। दोनों रिश्ते में बाप-बेटे थे। सूचना मिलने पर पुलिस, जलकल विभाग और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। जानकारी के मुताबिक 2 घंटे तक दोनों सीवर में ही फंसे रहे। इसके बाद दोनों को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया। एक की मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि दूसरे की इलाज के दौरान मौत हो गई।
ये मामला वजीरगंज थाना क्षेत्र के रेजिडेंसी पार्क का है। बुधवार को जलकल निगम के दो कर्मचारी 20 फीट गहरे सीवर की सफाई करने के लिए उतरे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक उनके बास सेफ्टी इक्विपमेंट नहीं था। इसी दौरान जहरीली गैस से दम उनका दम घुटने लगा। जिससे वह बेहोश हो गए। सूचना पर तत्काल फायर ब्रिगेड और नगर निगम की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचकर मजदूरों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक एक ने दम तोड़ दिया। वहीं, दूसरे को बलरामपुर अस्पताल भेजा गया। जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई।
मृतकों की पहचान सीतापुर के सरवनपुर गांव के रहने वाले सोबरन यादव और उसके बेटे सुशील यादव के तौर पर हुई है। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। इस मामले में जल नगरीय के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार मिश्र के मुताबिक दोनों कर्मचारी बिना सूचना के ही सीवर में उतरे थे। साथ ही इसके जिम्मेदार इंजीनियरों पर भी एक्शन लिया जाएगा।
लखनऊ के जलविभाग ने सीवर से जुडे़ काम एक प्राइवेट कंपनी मैसर्स केके स्पन को दिया हुआ है। जिसकी एक हफ्ते पहले सीवर में गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई थी और अब 2 मजदूरों की जान चली गई है। इस मामले में जलकल विभाग की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है।
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