एमपी। मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल की सबसे बड़ी जेल सेंट्रल जेल (Gwalior Central Jail) का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां सेंट्रल जेल के अधीक्षक के पास अन्य उपजेल की जिम्मेदारी भी रहती है तो वहीं ऐसे में स्वयं सेंट्रल जेल में अवैध तरीके से गांजा, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू की सप्लाई की जा रही है (Illegal Activities At Jail). ग्वालियर सेंट्रल जेल में हाल ही में जेल अधीक्षक का बदलाव हुआ है और नए जेलर विदित सरवैया ने जेल का चार्ज संभाला और जानकारियां लेना शुरू की. जिसके बाद गुप्त सूत्रों ने जेल अधीक्षक को जो जानकारी दी तो उसे सुनकर वह सन्न रह गए. जिनके कंधों पर जेल की सुरक्षा की जिम्मेदारी है वहीं अवैध कार्यों को अंजाम देते हुए नजर आ रहे थे. जिसके बाद जेल अधीक्षक के द्वारा आरोपियों को मय घटना के मौके पर ही अपराध को अंजाम देते हुए गिरफ्तार करने का प्लान बनाया गया. जिसके बाद जैसे ही घटना घटित हुई तो एक कैदी और दो जेल प्रहरियों को पकड़ा गया.
दरअसल जेल के अंदर अवैध मादक पदार्थ के आने की सूचना मिल रही थी जिसको लेकर एक कैदी इकवाल और दो जेल प्रहरियों पर निगाह रखी गई जिसके बाद जैसे ही कैदी और जेल प्रहरीयों के द्वारा वारदात को अंजाम दिया गया वैसे ही उन्हें धर दबोचा गया. सेंट्रल जेल ग्वालियर में बंद एक कैदी और दो जेल प्रहरीयों की सांठगांठ से लंबे समय से जेल के अंदर अवैध गांजा, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू जैसे मादक पदार्थ की तस्करी की जा रही थी. फ़िलाल जेल अधीक्षक विदित सरवैया के दिशा निर्देशन पर कैदी से बरामद सामान को जप्त किया और आगे पूछताछ की तो उसने कुछ नहीं बताया लेकिन कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा दो जेल प्रहरियों का नाम बताए गए जिन की सांठगांठ से वह इस बड़ी वारदात की घटना को अंजाम दे रहा था.
जेल में ही पदस्थ दो जेल प्रहरी दिनेश यादव व मनोज राजोरिया का नाम सामने आया, जिसके बाद जेल अधीक्षक के द्वारा दोनों जेल प्रहरियों की जब चेकिंग कराई गई तो उनकी जेबों से अच्छी खासी नगदी बरामद की गई. वहीं कैदी इकबाल से इस घटना के बारे में विस्तार से पूछा गया तो उसने बताा कि वह इस वारदात को बड़े लंबे समय से अंजाम दे रहा था. फिलहाल जेल अधीक्षक के द्वारा दोनों जेल प्रहरियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है, साथ ही जेल प्रहरियों सहित कैदी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के लिए थाना प्रभारी बहोड़ापुर को पत्र लिखा गया है. अब देखना होगा कि बहोड़ापुर थाना पुलिस तीनों के खिलाफ कब और किस तरह किन अपराधों में मामला पंजीबद्ध करती है. फिलहाल तो सेंट्रल जेल में चल रहे इस अवैध अपराध के खुलासे के मामले के बाद जेल में अन्य पदस्थ स्टाफ की भी तलाशी और पूछताछ की जा रही है और सभी मौजूदा स्टाफ सहित कैदियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है. वही अंचल भर में बनी अन्य जिलों की जेलों एवं उपजेलों की भी सर्चिंग एवं तलाशी की जा रही है. वहीं पुलिस का कहना है अभी मामला संज्ञान में आया है जांच की जा रही है मामले को समझते देखते हुए एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी.