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निर्वाचन आयोग के दो कर्मचारी गिरफ्तार, वेबसाइट से छेड़छाड़ मामले में पुलिस ने की कार्रवाई

jantaserishta.com
14 Aug 2021 4:34 PM GMT
निर्वाचन आयोग के दो कर्मचारी गिरफ्तार, वेबसाइट से छेड़छाड़ मामले में पुलिस ने की कार्रवाई
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बड़ी कार्रवाई

भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से छेड़छाड़ के मामले में पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है। निर्वाचन आयोग के दो कर्मचारियों ने यूजर आईडी और पासवर्ड चोरी कर साइबर कैफे संचालकों को दिया था, जिसके बाद फर्जी तरीके से वोटर आईडी कार्ड तैयार किए गए। पुलिस ने दोनों कर्मचारियों समेत चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। उधर, निर्वाचन आयोग द्वारा दावा किया गया है कि वेबसाइट हैक नहीं हुई और सभी डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से छेड़छाड़ को फर्जी तरीके वोटर आईडी बनाने का मामला सामने आया था। दो दिन पहले निर्वाचन आयोग की सूचना पर सहारनपुर पुलिस ने विपुल सैनी निवासी मच्छरहेड़ी थाना नकुड़ सहारनपुर को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने विपुल सैनी से पूछताछ की तो कई अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे थे। इसके बाद दिल्ली के अरमान मलिक का नाम भी सामने आया था। अभियुक्तों की गिरफ्तारी को अलग-अलग टीमें लगाई गई थी। एक टीम ने शनिवार को दिल्ली से अरमान मलिक उर्फ नियाज आलम निवासी अमन विहार दिल्ली, आशीष जैन निवासी आजादपुर नई दिल्ली, नितिन निवासी सराय बस्ती दिल्ली और आदित्य खत्री निवासी कमल विहार दिल्ली को गिरफ्तार किया।

पुलिस के मुताबिक, नितिन और आदित्य खत्री निर्वाचन कार्यालय में संविदा पर डाटा एंट्री ऑपरेटर का काम करते थे। उनकी मुलाकात अरमान मलिक से हुई थी। नितिन और आदित्य ने यूजर आईडी और पासवर्ड अरमान मलिक को बताया था, जिसके बाद अरमान मलिक का संपर्क इंटरनेट के माध्यम से ही विपुल सैनी से हुई थी। विपुल सैनी का नेटवर्क काफी बड़ा होने के कारण पासवर्ड और यूजर आईडी बताई गई। इसके बाद फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाने का सिलसिल शुरू हुआ। पुलिस ने निर्वाचन आयोग के कर्मचारी नितिन, आदित्य समेत अरमान मलिक और आशीष जैन को गिरफ्तार कर लिया है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त की ओर से भी इस मामले में बयान जारी किया गया है। प्रेसनोट जारी कर जानकारी दी गई कि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक नहीं हुई थी। बल्कि, यूजर आईडी और पासवर्ड को अनाधिकृत लोगों से शेयर किया गया था। दोनों कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। निर्वाचन आयोग का डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से फर्जी तरीके से वोटर आईडी जारी करने के मामले में प्रतिदिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने दिल्ली से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि, कई अन्य नाम भी सामने आए हैं। विपुल का नेटवर्क मध्यप्रदेश के मुरैना जिले तक फैला था। पुलिस ने मुरैना जिले में भी दबिश दी है। पुलिस के मुताबिक, अरमान मलिक ने यूजर आईडी विपुल सैनी को दिया था। विपुल सैनी का नेटवर्क बहुत बड़ा होने के कारण अधिक संख्या में वोटर आईडी कार्ड बनाए जा रहे थे। यही नहीं ओटीपी के लिए भी विपुल सैनी का ही नंबर दिया गया था। जिस कारण इस पूरे मामले में सबसे पहले विपुल का ही नाम सामने आया था। पुलिस ने जब विपुल सैनी से पूछताछ की तो पता चला की उसके संपर्क में मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के अंभा क्षेत्र निवासी हरिओम भी था। जहां पर हरिओम ने अपने साथ कुछ अन्य लोगों को भी जोड़ रखा था। जिसके बाद पुलिस की एक टीम को मध्यप्रदेश भेजा गया था। जिससे मध्यप्रदेश में भी खलबली मच गई। हालांकि, अभी तक पुलिस टीम अब हरिओम तक नहीं पहुंच पाई है।


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