कोरोना काल में भी लोग अपने फायदे के लिए किस तरह लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं, इसका एक और ताजा मामला सामने आया है. दिल्ली पुलिस ने जानलेवा ब्लैक फंगस बीमारी के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले 10 लोगों को गिरफ्तार है, जिसमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं. ये लोग ब्लैक फंगस का नकली इंजेक्शन बेच रहे थे. इन्होंने ऐसे करीब 400 फर्जी इंजेक्शन मजबूर लोगों को बेचे थे.
दिल्ली के निजामुद्दीन से नकली ब्लैक फंगस के करीब 400 इंजेक्शन मरीजों को बेचने वाले दो डॉक्टर समेत कुल 10 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने इनके पास से 3500 फर्जी ब्लैक फंगस और रेमेडिसिविर के इंजेक्शन भी बरामद किए हैं. ये नकली इंजेक्शन दोनों डॉक्टर ही बनाते थे. जानकारी के मुताबिक, ये लोग इन नकली इंजेक्शन को भी 10 से 15 हजार रुपये में मरीजों और जरूरतमंदों को बेच रहे थे. इन्हें क्राइम ब्रांच ने रंगे हाथों ही पकड़ा है. आरोप है कि गिरफ्तार डॉक्टर अलतमस और डॉक्टर आमिर नकली इंजेक्शन बनाते थे. डॉक्टर अलतमस साकेत का रहने वाला है जबकि डॉक्टर आमिर सेफला जाट का रहने वाला है. बाकी आरोपी जामिया और दिल्ली के अलग-अलग इलाके के रहने वाले हैं.
डॉक्टर अलतमस इसी साल अप्रैल में गाजियाबाद में ही रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है. डॉक्टर के घर बकायदा पूरा सैटअप लगाया था, जहां से ब्लैक फंगस इंजेक्शन कालाबाजारी के कारोबार को चलाया जाता था. डॉक्टर एम्स से ट्रेनिंग लेने के बावजूद ऐसे काले कारनामे करता पकड़ा गया है..