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2 साल पहले हुई थी दो बेटियों की मौत, ठीक उसी दिन महिला ने जुड़वां बेटियों को दिया जन्म, पढ़े हैरान कर देने वाला मामला
jantaserishta.com
21 Sep 2021 6:41 AM GMT
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एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया.
विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया जहां एक कपल ने उसी तारीख पर जुड़वां बेटियों को जन्म दिया, जिस डेट को 2 साल पहले उनकी दो बेटियों की मौत हुई थी.
अप्पाला राजू और भाग्यलक्ष्मी नाम के एक जोड़े ने 15 सितंबर, 2019 को गोदावरी नदी में नाव पलटने से अपने दो बच्चों को खो दिया था. 15 सितंबर 2021 की इसी तारीख को भाग्य लक्ष्मी ने विशाखापत्तनम के पद्म ड्रेस अस्पताल में आईवीएफ ट्रीटमेंट के माध्यम से जुड़वां बच्चों को जन्म दिया.
डिलीवरी कराने वाली डॉक्टर पी सुधा पद्मश्री ने बताया कि लगभग एक साल पहले दंपति ने पहली बार उनसे संपर्क किया. उस वक्त दंपति परेशान था. चूंकि मां पहले ही एक ट्यूबक्टोमी से गुजर चुकी थी तो मैंने उन्हें आईवीएफ प्रक्रिया के बारे में समझाया और इलाज शुरू किया. भले ही डिलीवरी की अनुमानित नियत तारीख 20 अक्टूबर थी लेकिन 15 सितंबर को ही प्रसव पीड़ा हो गई और उसी दिन दो जुड़वां बेटियों का जन्म हुआ.
जुड़वां बेटियों की मां भाग्यलक्ष्मी ने बताया कि नवजात शिशुओं में भी उनकी (मृतक) बहनों के समान लक्षण नजर आ रहे हैं. दोनों बच्चे अच्छी तरह से रिएक्ट कर रहे हैं. दो साल पहले मेरी सास अपनी दो पोतियों के साथ श्री सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर में अपनी बड़ी पोती के मुंडन की प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए नाव पर सवार हुईं थी. नाव दुर्घटना हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति थी क्योंकि हमारे 10 रिश्तेदारों की मृत्यु हो गई थी. हालांकि, अब हम शिशुओं के आने से खुश हैं.
दरअसल, गोदावरी नदी में नाव पलटने से दो साल पहले अपनी दो बेटियों को खोने के बाद एक कपल ने उसी दिन जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. उस घटना में उन्होंने एक और तीन साल की बेटियों सहित 10 रिश्तेदारों को खो दिया था. हादसे में करीब 50 लोग डूब गए थे.
उस समय 32 वर्षीय अप्पाला राजू द्वारा बेचैनी की शिकायत के बाद दंपति ने अंतिम समय में अपनी यात्रा रद्द कर दी थी लेकिन उन्होंने अपनी दो बेटियों गीता वैष्णवी और धात्री अनन्या को अपने 10 रिश्तेदारों के साथ भद्राचलम में श्रीराम मंदिर में तीर्थ यात्रा के लिए भेजा था. अप्पाला राजू राजू से संबंधित चार परिवारों के कुल 11 सदस्य थे जिनमें से केवल एक ही बच पाया था.
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