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ट्विन टॉवर की उल्टी गिनती हुई शुरू, जानिए किन अस्पतालों को रखा गया अलर्ट

Rani Sahu
27 Aug 2022 11:16 AM GMT
ट्विन टॉवर की उल्टी गिनती हुई शुरू, जानिए किन अस्पतालों को रखा गया अलर्ट
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ट्विन टावर्स का विध्वंस भले ही नियंत्रण में बताया जा रहा है
Super Tech Twin Towers demolition (सुपर टेक ट्विन टावर्स विध्वंस): ट्विन टावर्स का विध्वंस भले ही नियंत्रण में बताया जा रहा है, मगर सरकार और प्रशासन इसमें कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहते हैं। नोएडा के 3 अस्पतालों को आपातकालीन स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
Twin Towers demolition News (ट्विन टावर्स विध्वंस समाचार): नोएडा सेक्टर 93 के ट्विन टावर के विध्वंस के बीच रहने वाले नागरिकों का स्वास्थ्य एक बहुत बड़ी चुनौती है। रिहायशियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। टॉवर ध्वस्तीकरण से पहले दिल्ली सरकार ने 3 अस्पतालों को 'सेफ हॉस्पिटल' घोषित कर दिया है। अपितु ध्वस्तीकरण के दौरान किसी भी तरह से आपातकालीन हालत पैदा होने पर, हल्की या गहरी चोट, या फिर उठते धूल के गुबार से कोई भी शारीरिक समस्या होगी तो अस्पताल आने वाले किसी भी घायल या बीमार शख्स को उचित इलाज दिया जाएगा। सेफ हॉस्पिटल के नामों में नोएडा के फेलिक्स हॉस्पिटल, जेपी हॉस्पिटल और यथार्थ हॉस्पिटल का नाम शामिल है। हालांकि फेलिक्स के मुकाबले ध्वस्तीकरण स्थान से बाकी दो अस्पतालों की दूरी ज्यादा है।
फेलिक्स हॉस्पिटल की तैयारियां -
बतौर सुरक्षित अस्पताल (सेफ हॉस्पिटल) घोषित हुए अस्पतालों में से एक नोएडा सेक्टर 137 का फेलिक्स हॉस्पिटल है, जो ध्वस्तीकरण स्थान से महज 4 कि.मी. की दूरी पर है। आपको बता दें कि आपातकालीन स्थिति के लिए अस्पताल के 12वीं मंजिल पर सामान्य वार्ड तैयार है, तो वहीं 7वीं मंजिल पर आईसीयू के बेड्स तैयार किए गए हैं। वेंटीलेटर, बाइपेप, मॉनिटर भी तैयार हैं। अस्पताल में लगभग 50 बेड्स होंगे, जिनमें इमरजेंसी वॉर्ड्स, आईसीयू एनआईसीयू और कार्डियक वार्ड्स तैयार हैं। हल्की चोट वालों को सामान्य वार्ड में और सीरियस इंजरी वाले को आईसीयू में रखा जाएगा और ऑपरेशन थियेटर को हाई अलर्ट पर रखा जाएगा। रविवार के दिन भी डॉक्टर्स को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दे दिए गए है। एंबुलेंस भी रेडी टू मूव (स्थानांतरित करने के लिए तैयार) मोड में रहेंगी।
कौन सी परेशानियों की है ज्यादा संभावना और क्या करें बचाव?
डॉक्टर डीके गुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक लोगों को आंख में जलन, स्किन इचिंग (त्वचा की खुजली), सांस की समस्या, नेजल कंजेशन (नाक बंद), थ्रोट (गला) और खासतौर पर बच्चों, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं की समस्या बढ़ सकती है। तो उन्हें खास बचाव की जरूरत है।
अगले कई दिनों तक हवा दूषित रहेगी -
ध्वस्तीकरण के कई दिन बाद तक वातावरण में प्रदूषित रह सकता है ऐसे में मॉर्निंग वॉक कुछ दिन के लिए अवॉइड (बचाव) करें। घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। इंडोर रहने की कोशिश करें, इंडोर एक्टिविटीज करें। प्रदूषण कम होने पर ही बाहर जाएं, तरल पदार्थों का सेवन करें। 95 मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें। पॉल्यूशन कब तक रहेगा ये मौसम पर निर्भर करेगा। हवा और बारिश रहने पर प्रदूषण जल्द दूर हो जाएगा।
Rani Sahu

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