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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: नोएडा में बने सुपरटेक ट्विन टावर को गिरा गया है। ट्विन टावर को गिराने के लिए 3500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। इन दो टावर को गिराने के लिए जितने विस्फोटक लगे हैं उसकी मात्रा अग्वि-वी मिसाइल के वारहेड या फिर ब्रह्मोस मिसाइल के या फिर पृथ्वी मिसाइल के चार वारहेड के बराबर था। कुतुब मीनार से ऊंचे बन टॉवर का निर्माण नोएडा के सेक्टर 93 ए में किया गया था। टावर्स को गिराने के लिए करीब 20 करोड़ रुपए का खर्चा आया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों टॉवर की ऊंचाई 100 मीटर से थोड़ी अधिक थी। टावर को गिराने के लिए वाटरफॉल इम्प्लोजन तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। जिसकी वजह से यह बिल्डिंग जिस जगह बनी थी उसी जगह ताश के पत्तों की तरह धाराशाही हो गई। विस्फोट के लिए लगाए गए बटन और बिल्डिंग को गिरने की पूरी प्रक्रिया करीब 9 सेकेंड में पूरी हो गई। वो अलग बात है कि पूरा इलाका धूल के गुबार में तब्दील हो गया था।
अग्नि वी आईसीबीएम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की ओर से विकसित किया गया है। मिसाइल का वजन करीब 50000 किलोग्राम है। मिसाइल 1.75 मीटर लंबी है जिसका व्यास दो मीटर है। इसमें 1500 किलोग्राम वजनी हथियार को रॉकेट बूस्टर के ऊपर रखा जाता है।
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