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बुढ़ापे की वजह से कछुए की मौत, हालत नाजुक बनी हुई थी 10 दिनों से

Nilmani Pal
17 March 2024 2:12 AM GMT
बुढ़ापे की वजह से कछुए की मौत, हालत नाजुक बनी हुई थी 10 दिनों से
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हैदराबाद। हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में करीब 125 वर्षीय विशाल गैलापागोस कछुए की उम्र संबंधी जटिलताओं के कारण शनिवार को मौत हो गई. चिड़ियाघर के अधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि गैलापागोस का विशाल नर कछुआ, जिसकी उम्र लगभग 125 वर्ष थी, बुढ़ापे की जटिलताओं के कारण मर गया. वह पिछले 10 दिनों से खाना नहीं खा रहा था. चिड़ियाघर की पशु चिकित्सा टीम पिछले 10 दिनों से उसका इलाज कर रही थी.

दरअसल, इस कछुए को चिड़ियाघर के सबसे पुराने निवासियों में से एक माना जाता था. विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक अन्य 95 वर्षीय कछुए के साथ वह चिड़ियाघर के उद्घाटन के बाद से मुख्य आकर्षणों में से एक था. इस कछुए को 1963 में शहर के पब्लिक गार्डन (बाग-ए-आम) से ट्रांसफर किया गया था, जिसके बाद इसे नेहरू जूलॉजिकल पार्क में रखा गया था. अधिकारियों के मुताबिक कछुए का पोस्टमॉर्टम किया गया है और प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चला है कि कछुए के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई. आगे की जांच के लिए सैंपल वीबीआरआई और पशु चिकित्सा महाविद्यालय, राजेंद्रनगर भेजे गए हैं. क्यूरेटर और चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने कछुए की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

चिड़ियाघर के क्यूरेटर ने बताया कि सुबह बहुत मुश्किल हुई जब हमें पता चला कि वह (कछुआ) मर चुका है. मैंने पहली बार इस कछुए को तब देखा था जब मैं हाई स्कूल में था और हैदराबाद की यात्रा के दौरान 1996 में चिड़ियाघर गया था. कछुआ पिछले 10 दिनों से खाना नहीं खा रहा था. उसे उसका पसंदीदा खाना भी खिलाने की कोशिश की गई, लेकिन वह कुछ खा नहीं रहा था और अब उसकी मौत हो गई.


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