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ट्यूशन टीचर के बेटे पर लगा छह साल की बच्ची से छेड़छाड़ का आरोप

Shantanu Roy
24 April 2024 2:18 PM GMT
ट्यूशन टीचर के बेटे पर लगा छह साल की बच्ची से छेड़छाड़ का आरोप
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हाईकोर्ट ने छेड़छाड़ मामलें में दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली में एक ट्यूशन टीचर के बेटे पर एक छह साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने इस मामले में संगम विहार निवासी आरोपी होम सिंह (32) को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "मंगलवार शाम करीब 5.30 बजे संगम विहार थाने में एक पीसीआर कॉल आई जिसमें एक छह साल की लड़की के यौन उत्पीड़न की शिकायत की गई थी। फोन करने वाली महिला जो उसी इलाके में रहने वाली है, ने बताया कि उसकी बेटी हमेशा की तरह पड़ोस की गली में ट्यूशन पढ़ने के लिए गई थी, लेकिन समय से पहले घर लौट आई।" पूछने पर उसकी बेटी ने बताया कि ट्यूशन टीचर के बेटे ने उसके कपड़े उतार दिये और उसे चूमा। अधिकारी ने कहा, "शिकायतकर्ता के बयान पर आईपीसी की धारा 354, 354बी, 342 तथा पोक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।"
हाईकोर्ट ने महिला से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी युवक को अनोखी सजा सुनाई. कोर्ट ने आदेश दिया कि युवक को एक महीने तक ट्रैफिक सिग्‍नल पर खड़ा होकर अपनी सेवाएं देनी होंगी. जज ने भी माना कि अगर मुकदमे को आगे बढ़ाया गया तो दोनों पक्षों के बीच कड़वाहट बढ़ती चली जाएगी. युवक और युवती में समझौता होने के मद्देनजर एफआईआर को रद्द करने का आदेश जारी किया गया. महिला की शिकायत के आधार पर पेश मामले में युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा- 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उसपर आपराधिक बल का हमला), 506 (आपराधिक धमकी), 509 (शब्द, इशारा या कृत्य) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट में आरोपी की तरफ से एक याचिका लगाई गई, जिसमें कहा गया कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है. लिहाजा एफआईआर को रद्द कर दिया जाना चाहिए.
बताया गया कि पीड़िता अब अपनी शिकायत को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है, इसलिए मामले को आगे जारी रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा. पीड़िता ने अदालत को यह भी बताया कि उसने याचिकाकर्ता के साथ सभी विवादों को अपनी मर्जी से और बिना किसी दबाव के सुलझा लिया है और अगर वर्तमान एफआईआर रद्द कर दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा, “प्रीत विहार थाने में दर्ज एफआईआर और याचिकाकर्ता के खिलाफ उससे होने वाली सभी परिणामी कार्यवाही को इस शर्त के साथ रद्द किया जाता है कि याचिकाकर्ता ट्रैफिक सिग्नल पर ट्रैफिक पुलिस की सहायता करेगा. जहां उन्हें 30 दिनों की अवधि के लिए डीसीपी ट्रैफिक, पूर्वी जिले द्वारा प्रतिनियुक्त किया जा सकता है, उन्हें सौंपे गए ट्रैफिक सिग्नल पर सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें डीसीपी ट्रैफिक को रिपोर्ट करना होगा.”
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