हिंसा से पीएफआई का नाम जोड़ने की कोशिश सिर्फ राजनीतिक साजिश है : अनीस अहमद
यूपी। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुई हिंसा को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के महासचिव अनीस अहमद सामने आए हैं. उन्होंने कहा है कि पीएफआई का कानपुर हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. हम कानपुर हिंसा की निंदा करते हैं. बीजेपी और केंद्रीय एजेंसियों के लिए हम सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं, इसलिए किसी न किसी हमले से पीएफआई का नाम जोड़ दिया जाता है. Aajtak के साथ खास बातचीत में PFI चीफ अनीस ने कहा, कानपुर की तो बात ही छोड़िए, पूरे उत्तर प्रदेश में कोई पीएफआई की कोई इकाई नहीं है. पीएफआई की यूपी में सिर्फ एडहॉक यूनिट है. कानपुर हिंसा की एफआईआर में भी हमारा नाम नहीं है. वहीं, हिंसा के आरोपियों से हमारा कोई संबंध नहीं है.
BJP पर आरोप लगाते हुए अनीस अहमद ने आगे कहा, केंद्र और बीजेपी शासित राज्यों की सरकारें हमें सॉफ्ट टारगेट करती हैं. राजस्थान के करौली में दंगे हुए तो पीएफआई का नाम लिंक करने की कोशिश की गई, लेकिन वहां के एसपी ने खुद कहा कि हिंसा में पीएफआई का कोई रोल नहीं है.
उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई भी हिंसा से भी पीएफआई का नाता जोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन अब तक कोई लिंक सामने नहीं आया. वहीं, यूपी में भी सीएए एनआरसी के दौरान हुए प्रदर्शनों में पीएफआई का संबंध बताने की कोशिश की गई, लेकिन अब तक कुछ भी साबित नहीं हुआ.