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न्यूज़ चैनलों की TRP पर रोक, BARC का फैसला, जानिए वजह

jantaserishta.com
15 Oct 2020 7:52 AM GMT
न्यूज़ चैनलों की TRP पर रोक, BARC का फैसला, जानिए वजह
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नई दिल्ली: फर्जी रेटिंग विवाद (fake ratings row) के बीच रेटिंग एजेंसी BARC (Broadcast Audience Research Council) ने अगले तीन महीनों के लिए टीवी चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग पर रोक लगाने का फैसला किया है. पिछले कुछ दिनों में फर्जी रेटिंग और टीआरपी के लिए किए जा रहे कथित घोटाले पर बड़ा विवाद खड़ा हुआ है और इसकी चपेट में कई छोटे-बड़े न्यूज चैनल आए हैं, जिसके बाद एजेंसी ने अपने सिस्टम की पूरी तरह जांच करने के लिए तीन महीनों तक के लिए साप्ताहिक रेटिंग रोक दी है. रेटिंग्स का निलंबन अंग्रेजी, हिंदी, क्षेत्रीय भाषाओं और बिजनेस न्यूज चैनलों पर लागू होगा.



BARC ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि 'BARC अपने सिस्टम की जांच कर रहा है. इसके लिए न्यूज की कैटेगरी से प्रक्रिया शुरू की जा रही है. एजेंसी सभी न्यूज चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग पब्लिशिंग रोक रही है. इस प्रक्रिया में 8 से 12 हफ्ते लग सकते हैं. सिस्टम की टेस्टिंक को BARC की टेक कॉम. देख रही है. एजेंसी खबरों के राज्य और भाषा के मानकों पर दर्शकों का साप्ताहिक आंकड़ा जारी करती रहेगी.'

रेटिंग एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि उसने यह कदम 'बड़ी कैटेगरीज़ के डेटा की रिपोर्टिंग और रेटिंग मापने के अपने मौजूदा सिस्टम की समीक्षा करन का फैसला किया है, ताकि उसके सांख्यिकी को और मजबूत किया जा सके और इससे छेड़छाड़ करने की संभावित कोशिशों पर रोक लगाई जा सके.'





क्या होता है TRP?

TRP (टारगेट रेटिंग पॉइंट्स / टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स) का उपयोग यह मापने के लिए किया जाता है कि एक तय समय के अंतराल में कितने दर्शक किसी विशेष टीवी शो को देख रहे हैं. टीआरपी हमें लोगों की पसंद बताता है और यह भी कि किस विशेष चैनल या शो की लोकप्रियता कितनी है. जिस शो और चैनल की TRP ज्यादा होती है विज्ञापनदाता उसी पर पैसा लगाते हैं.

कैसे मापी जाती है TRP

INTAM और BARC एजेंसियां किसी भी टीवी शो की TRP को मापते हैं. TRP को मापने के लिए कुछ जगहों पर पीपलस मीटर (People's Meter) लगाये जाते हैं. इसे ऐसे समझ सकते है कि कुछ हजार दर्शकों पर नमूने के रूप में सर्वे किया जाता है और इन्हीं दर्शकों के आधार पर सारे दर्शक मान लिया जाता है जो TV देख रहे होते हैं. अब ये पीपलस मीटर Specific Frequency के द्वारा ये पता लगाता है कि कौन सा प्रोग्राम या चैनल कितनी बार देखा जा रहा है.

इस मीटर के द्वारा एक-एक मिनट TV की जानकारी को Monitoring Team INTAM यानी Indian television Audience Measurement तक पहुंचा दिया जाता है. ये टीम पीपलस मीटर से मिली जानकारी को विश्लेषण या analyse करने के बाद तय करती है कि किस चैनल या प्रोग्राम की TRP कितनी है. इसको calculate करने के लिए एक दर्शक के द्वारा नियमित रूप से देखे जाने वाले प्रोग्राम और समय को लगातार रिकॉर्ड किया जाता है और फिर इस डाटा को 30 से गुना करके प्रोग्राम का एवरेज रिकॉर्ड निकाला जाता है. यह पीपल मीटर किसी भी चैनल और उसके प्रोग्राम के बारे में पूरी जानकारी निकाल लेता है.

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