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राजधानी में डेढ़ महीने के भीतर सूदखोरी का एक और मामला सामने आया है
राजधानी में डेढ़ महीने के भीतर सूदखोरी का एक और मामला सामने आया है। दो बहनों से एक महिला ने दो लाख कर्ज लिया था लेकिन यह राशि चुकाने के बाद भी वे अब उसके कर्ज की राशि को दस लाख बता रही हैं। उनके तकाजों से वह परेशान हो चुकी तो बुधवार की रात को उसने फिनाइल पी लिया
कमला नगर थाना क्षेत्र के सबरी नगर की जया बाथरे को नीलबड इलाके में निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसने आत्महत्या करने की कोशिश की है और फिनाइल पीकर यह प्रयास किया। पुलिस ने जया के बयान लिए जिसमें महिला ने छह साल पहले दो बहनों रेखा और रत्ना से दो लाख कर्ज लेने की बात कही और राशि चुकाने के बाद भी उससे उन बहनों द्वारा दस लाख कर्ज होने की बात कही जा रही है। अब वे उसे धमका रही हैं और दस लाख रुपए मांग रही हैं।
सूदखोर बहनों की वजह से घर छोड़ा
बताया जाता है कि सूदखोर महिलाओं की धमकी की वजह से वह पांच दिन से घर पर नहीं गई है। सबरी नगर में रहने वाली जया बाथरे ने बयानों में बताया कि उसका पति राजा ऑटो चलाता है। छह साल पहले मोहल्ले में रहने वाली सगी बहनों से अलग-अलग किस्तों में करीब दो लाख रुपए कर्ज लिया था। दोनों ने बैंक ब्याज पर कर्ज दिया था। वे दोनों किस्तों में कर्ज दे रही थीं। कर्ज चुकाने के बाद भी रत्ना ने कहा कि कर्ज 10 लाख रुपए हो गया है।
जया को पहली जनवरी को धमकी भरा फोन आया
बताया जाता है कि जया को पहली जनवरी को बहनों ने कर्ज चुकाने के लिए धमकी भरा फोन किया था। इससे डरकर वह परिवार सहित अपने रिश्तेदारों के घर चली गई। मगर इसके बाद भी बुधवार को बहनों ने सुबह फिर फोन किया कि घर बुलाया और कहा कि अगर नहीं आईं तो ठीक नहीं होगा। जया ने रात को फिनाइल पी लिया। वह उल्टी करने लगी। तभी घर में मौजूद उनके छोटे बेटा राजू ने पिता को फोन कर बताया। दोनों जया को निजी हॉस्पिटल ले गए, जहां उसका उपचार चल रहा है। पुलिस मामले में जांच में जुटी है
डेढ़ महीने पहले भी सूदखोरी का मामला हुआ था
गौरतलब है कि भोपाल में सूदखोरों से परेशान होकर 25 नवंबर 2020 को संजीव जोशी, उसकी पत्नी, दो बेटियों और उसकी मां ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। उस पूरे परिवार की मौत भी हो गई थी। तब सीएम ने भी सख्त लहजे में सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे लेकिन डेढ़ महीने में ही सूदखोरी का यह मामला सामने आया है। अब देखने लायक बात यह है कि पुलिस की जांच सूदखोरी की दिशा में बढ़ती है या सामान्य आत्महत्या के प्रयास के मामले पर सिमट कर रह जाएगी।
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