पिछले एक साल से ज्यादा समय से देश के अनेक ईएसआई अस्पतालों को कोरोना अस्पतालों में तब्दील कर दिया गया है। ऐसे में इन अस्पतालों में इलाज कराने वाले श्रमिकों को सामान्य इलाज के लिए भी दूसरे अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है, जो उनके लिए आर्थिक तौर पर भारी पड़ रहा है।
भारतीय मजदूर संघ ने श्रम मंत्री को पत्र लिखकर मजदूरों के इस तरह के इलाज के खर्चों के लिए उन्हें मुआवजा देने की बात कही है। संगठन ने श्रमिकों को अन्य मुआवजा देने की भी मांग की है क्योंकि ज्यादातर श्रमिक पिछले एक साल से काम से बाहर हैं और इस दौरान उनका जीवन बेहद कठिन हो गया है।
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव बिनोय कुमार कुमार सिन्हा ने कहा कि जब से कोविड काल शुरू हुआ है, सरकार ने ईएसआई अस्पतालों को कोविड अस्पताल बना दिया है, इससे अन्य प्रकार के इलाज के लिए श्रमिकों को दूसरी जगहों पर इलाज कराना पड़ रहा है जो उनके लिए काफी महंगा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसी दौरान कोविड से मरे श्रमिकों को उचित मुआवजा देना चाहिए। जिन श्रमिकों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई है, उनके परिवारों को इसके लिए उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही श्रमिकों की मौत पर आने वाले खर्च का मुआवजा भी बढ़ाकर दिया जाना चाहिए। इससे गरीब परिवारों को इस आपातकाल में मदद मिलेगी।