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ट्रॉपेक्स-23: भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, तस्वीरें देख रोमांचित हो जाएंगे
jantaserishta.com
9 March 2023 1:21 PM GMT
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ड्रैगन के छूटे पसीने.
नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारतीय नौसेना ने अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास 'ट्रॉपेक्स' लगातार 4 महीने की अवधि में पूरा किया है। यह युद्धाभ्यास अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर तक फैला था। ट्रॉपेक्स-23 में लगभग भारतीय नौसेना के 70 जहाजों, छह पनडुब्बियों और 75 से अधिक विमानों ने भाग लिया। नौसेना के साथ ही भारतीय वायु सेना, थल सेना और कोस्ट गार्ड भी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा बने।
अभ्यास के लिए संचालन का क्षेत्र उत्तर से दक्षिण तक 4300 समुद्री मील तक और पश्चिम में फारस की खाड़ी से 35 डिग्री दक्षिण अक्षांस पूर्व में उत्तरी ऑस्ट्रेलिया तट तक लगभग 5000 समुद्री मील में फैला हुआ था। यह पूरा इलाका 21 मिलियन वर्ग समुद्री मील से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है। सैन्याभ्यास इस सप्ताह अरब सागर में सम्पन्न हुआ है।
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नौसेना का यह सबसे बड़ा युद्धाभ्यास 'ट्रॉपेक्स' नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक चार महीने की अवधि में आईओआर में आयोजित किया गया। यह वर्ष 2023 के लिए भारतीय नौसेना का प्रमुख परिचालन स्तरी अभ्यास रहा। अब यह अरब सागर में सम्पन्न हो गया है। समग्र अभ्यास में तटीय रक्षा अभ्यास सी-विजिल और जमीन व जल में अभ्यास एम्फेक्स शामिल थे। साथ में, इन अभ्यासों में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल की महžवपूर्ण भागीदारी भी रही।
The @IndianNavy’s largest ever war-game TROPEX-23 just concluded. The four-month exercise involved ships, submarines and aircraft operating in a 21 million square nautical miles area of the Indian Ocean. 🇮🇳⚓️ pic.twitter.com/kCztHVmcuh
— Livefist (@livefist) March 9, 2023
ट्रॉपेक्स 23 का अंतिम पड़ाव आते-आते भारतीय नौसेना का गहन परिचालन चरण सम्पन्न हो गया। यह नवंबर 2022 में शुरू हुआ था। अंतिम संयुक्त चरण के हिस्से के रूप में, रक्षा मंत्री ने छह मार्च 2023 को नए कमीशन किए गए स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत पर समुद्र में एक दिन बिताया। उन्होंने भारतीय नौसेना की परिचालन तैयारियों और साजो-सामान की समीक्षा की, जिसमें नौसेना ने स्वदेशी एलसीए के डेक संचालन और प्रत्यक्ष हथियार फायरिंग सहित परिचालन कौशल और लड़ाकू अभियानों के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन किया।
बेड़े को संबोधित करते हुए, राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना की परिचालन तैयारियों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि देश आशा से नौसेना की ओर देखता है कि वह हमारे दुश्मनों की आर्थिक जीवन-रेखा और सैन्य क्षमताएं इस हद तक बाधित कर सकती है कि वे अपने युद्ध के प्रयासों को जारी न रख सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम है। भारत के शांतिपूर्ण अस्तित्व को खतरे में डालने वाले किसी भी संभावित दुश्मन के गलत इरादों को विफल कर देगी। रक्षा मंत्री ने 'मेक इन इंडिया' पहल में सबसे आगे रहने और 'युद्ध तत्परता, विश्वसनीयता, सामंजस्यपूर्णता और सुरक्षित भविष्य ' की दिशा में आत्मनिर्भरता के मार्ग का लाभ उठाने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की।
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