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तिरंगा बना सुरक्षा की गारंटी! बम-बारूद और मिसाइल से दहल रहा है यूक्रेन, दो बहनों ने पाकिस्तानी छात्रों को लेकर कही बड़ी बात

jantaserishta.com
3 March 2022 11:41 AM GMT
तिरंगा बना सुरक्षा की गारंटी! बम-बारूद और मिसाइल से दहल रहा है यूक्रेन, दो बहनों ने पाकिस्तानी छात्रों को लेकर कही बड़ी बात
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भोपाल: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस भारत लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे आपरेशन गंगा के तहत भोपाल की दो बहनें आज (गुरुवार) को अपने घर पहुंच गई. दोनों बहनें मिली तिवारी और मुस्कान तिवारी साल 2017 में MBBS की पढ़ाई करने यूक्रेन गई थीं. मिली और मुस्कान ने बताया कि यूक्रेन में अगर कोई इंडिया का तिरंगा लेकर निकलता है तो कोई इस माहौल में भी कोई कुछ नहीं कहता.

दोनों बहनों ने बताया कि भारतीय छात्र ही नहीं बल्कि गैर मुल्कों के छात्र भी हाथ में तिरंगा लेकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंच रहे हैं. भारत के अलावा पाकिस्तान, तुर्की और नाइजीरिया के कई उनके जानने वाले छात्रों ने तिरंगा हाथ मे लेकर सफर तय किया ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे. मिली ने बताया कि उसके विदेशी दोस्तों का कहना है कि उनके हाथों में तिरंगा देखकर हमें सुरक्षित निकले दिया गया. न्यूज़ चैनल आजतक से बात करते हुए दोनों बहनों ने बताया कि उन्होंने अपने शहर से रोमानिया के सुरक्षित बॉर्डर तक पहुंचने के लिए 5 दिनों तक सफर किया और इस दौरान वो दो दिनों तक रिफ्यूजी कैंप में भी रहीं. लेकिन रोमानिया पहुंचने के बाद घर पहुंचने तक केंद्र और राज्य सरकार ने छात्रों का पूरा ध्यान रखा. दोनों बहनों के मुताबिक यूक्रेन से पोलैंड, हंगरी और रोमानिया तक पहुंचने के लिए छात्रों को खुद ही पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. उसके बाद रोमानिया के एयरपोर्ट से दिल्ली एयरपोर्ट तक और फिर उसके आगे घर तक पहुंचने का पूरा खर्चा सरकार ने उठाया है.
आजतक की खबर के मुताबिक राजस्थान के धौलपुर लौटे एमबीबीएस के छात्र शिवपाल ने बताया कि वहां कैसा भयावह माहौल है. छात्र ने इच्छा जताई की उसकी मेडिकल की आगे की पढ़ाई अगर यहीं हो जाए तो वो अब कभी यूक्रेन नहीं जाएगा. शिवपाल के घर लौटने के बाद उसके घर में जश्न जैसा माहौल है. शिवपाल ने बताया कि यूक्रेन में हालात बहुत ही गंभीर हो गए है और वहां पर लगातार बमबारी हो रही है. ऐसे में वहां से बॉर्डर तक पहुंचना काफी मुसीबतों भरा हैं. शिवपाल ने बताया कि 30 किलोमीटर पैदल चल कर वह बॉर्डर तक पहुंचा. कुछ स्टूडेंट वतन वापिसी कर चुके हैं और काफी छात्र बॉर्डर पर मौजूद हैं और भारतीय उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं. युद्ध की परिस्थिति में यूक्रेन में छात्रों को स्थानीय सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है.
छात्र शिवपाल ने कहा कि मेरी सकुशल घर वापसी के लिए भारत सरकार और राजस्थान सरकार को धन्यवाद देता हूं. हमारी बहुत सहायता की और बॉर्डर से मुंबई लाया गया. राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने हमारी सहायता की और मेरे घर तक के सफर की पूरी जिम्मेदारी निभाई. छात्र शिवपाल ने बताया कि वहां पर खाने-पीने की व्यवस्था नहीं थी. हमें कई रात यूक्रेन के अंदर ही परेशान होना पड़ा हैं और वहां की सरकार ने जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया. बॉर्डर पर दो रात रुके और तीसरे दिन बॉर्डर पार कराया गया.
धौलपुर शहर के जिरौली के रहने वाले रिटायर्ड फौजी चंद्रभान के बेटे शिवपाल यूक्रेन में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र है. शिवपाल के मुताबिक बॉर्डर पर छात्रों की काफी भीड़ है.
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