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Jinnah Tower पर तिरंगा फहराने की कोशिश, BJP की मांग पर राजनीति हुई तेज

jantaserishta.com
27 Jan 2022 2:53 AM GMT
Jinnah Tower पर तिरंगा फहराने की कोशिश, BJP की मांग पर राजनीति हुई तेज
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जानें मामला।

गुंटूर: गणतंत्र दिवस के मौक पर आंध्र प्रदेश में एक ताजा राजनीतिक विवाद तब सामने आया जब प्रदेश के गुंटूर जिले में जिन्ना टावर में तिरंगा फहराने के लिए लोगों का एक समूह घुस आया, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। वहीं, बीजेपी पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर टॉवर का नाम बदलने की मांग कर रही है, हालांकि, एमएलसी अप्पी रेड्डी ने भाजपा पर "सांप्रदायिक मुद्दों को उठाकर" लोगों को उकसाने का आरोप लगाया और पार्टी से पूछा कि1999 से 2004 और 2014 से 2019 तक सत्ता में रहते हुए उन्होंने टावर का नाम क्यों नहीं बदला।

उन्होंने एक बयान में कहा, "भाजपा सांप्रदायिक मुद्दों को उठाकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है। भाजपा पिछले दो सप्ताह से स्मारक को गिराने के विवादित बयान दे रही है।"
रेड्डी ने पूछा कि "जहां टावर का नाम बदलने और उसे गिराने को लेकर हो-हल्ला होता है, वहीं बीजेपी नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे 1999 से 2004 तक और फिर 2014 से 2019 तक टीडीपी के साथ गठबंधन में थे, उस दौरान उन्होंने सरकार बनाई थी। उस समय बीजेपी नेता पी. माणिक्यला राव के पास बंदोबस्ती विभाग था। अगर भाजपा इतनी उत्सुक थी तो उन्होंने नाम क्यों नहीं बदला?"
एमएलसी ने आगे कहा, "गणतंत्र दिवस के बहाने बदमाशों ने जिन्ना टावर की ओर धावा बोल दिया था, उनके इरादे का पता नहीं था। इसलिए, लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ, उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।"
वाईएसआरसीपी सरकार में मंत्री, वेल्लमपल्ली श्रीनिवास राव ने ट्वीट किया, "2014-19 के बीच राज्य में सत्ता में रहने वाली पार्टियों को याद नहीं था कि गुंटूर में जिन्ना टॉवर था। आजादी के 75 साल बाद बीजेपी अब गुंटूर में 100 साल पुराने टॉवर पर विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रही है, क्या इससे भी ज्यादा बुरा हो सकता है?"
हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव, सुनील देवधर ने समूह की हिरासत को लेकर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर निशाना साधा और पूछा कि आंध्र प्रदेश का गुंटूर भारत गणराज्य का हिस्सा है या नहीं।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हम पाकिस्तान में नहीं हैं। आंध्र प्रदेश सरकार को शर्म आनी चाहिए। हम गुंटूर में जिन्ना टॉवर का नाम बदलकर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टॉवर करने की लड़ाई नहीं छोड़ेंगे," उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा।

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