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भारत में चार टीके की चल रही है ट्रायल की तैयारी, ब्रिटेन में बच्चों को कोरोना वैक्सीन पर संशय
Deepa Sahu
3 Sep 2021 6:53 PM GMT
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कोरोना की आगामी लहरों का प्रभाव बच्चों में पड़ने को लेकर दुनियाभर के देश चिंतित हैं.
नई दिल्ली/ लंदन. कोरोना की आगामी लहरों का प्रभाव बच्चों में पड़ने को लेकर दुनियाभर के देश चिंतित हैं. इस बीच ब्रिटेन सरकार (UK Government) को टीकाकरण पर सलाह देने वाली संस्था ने 12-15 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को स्वास्थ्य कारणों से टीका नहीं देने का फैसला किया है. अब देश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस पर अपनी सलाह देंगे. टीकाकरण पर स्वतंत्र संयुक्त समिति (जेसीवीआई) ने कहा, 'हमारा का मत है कि 12 से 15 आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों को कोविड-19 का टीका देने के लाभ, इसके नुकसान से मामूली ज्यादा हैं.' वहीं भारत में शुक्रवार को बायोलॉजिक ई की वैक्सीन के बच्चों और किशोरों में दूसरे-तीसरे फेज केट्रायलकी मंजूरी दे दी गई है.
कंपनी के वैक्सीन कैंडिडेट का नाम कोर्बेवैक्स (Corbevax) है. इसकी जानकारी सरकार के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने दी है. इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों और किशोरों पर किया जाएगा. विभाग ने बताया कि कॉर्बेवैक्स का विकास जैव प्रौद्योगिकी विभाग और इसकी पीएसयू जैव प्रौद्योगिकी उद्योग शोध सहायक परिषद् (बीआईआरएसी) के सहयोग से किया जा रहा है.पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की समीक्षा के बाद भारत के औषधि महानिरीक्षक ने तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी दी है. डीबीटी ने कहा, 'बायोलॉजिकल ई को एक सितंबर 2021 को कॉर्बेवैक्स टीके के, बच्चों एवं वयस्कों पर दूसरे एवं तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी मिल गई.'
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