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दौसा के बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र के बसवा थाना इलाके में करीब 10 दिन पूर्व चलती बाइक पर एक पेड़ गिरने से हादसा हुआ था। घायल हुए एक युवक ने आखिरकार दम तोड़ दिया। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि ठेकेदार ने सड़क निर्माण के दौरान सांकेतिक साइन बोर्ड नहीं लगाया था ।
दौसा जिले के बसवा में चलती बाइक पर गिरे पेड़ ने एक युवक की जान ले ली। पिछले 10 दिन से घायल युवक SMS अस्पताल जयपुर में भर्ती था। आखिरकार राजेश गुर्जर की मौत हो गई। 22 अगस्त के दिन निर्माणाधीन रोड से बाइक पर गुजरते हुए राजेश और उसकी भाभी सुनीता पर पेड़ गिर गया था। जिससे गंभीर घायल अवस्था में उन्हे अस्पताल में भर्ती किया गया था। सड़क चौड़ीकरण का काम चलने के दौरान इस घटना में घायल उसकी भाभी सुनीता गुर्जर अभी भी घायल और उपचाराधीन है। परिजनों की मानें, तो मामले में सार्वजनिक निर्माण विभाग अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही और अनदेखी सामने आई है। जहां 'रोड निर्माण के कार्य प्रगति पर है', जैसा कोई साइन बोर्ड सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार ने नहीं लगाया था।
सांकेतिक बोर्ड नहीं होने के कारण पीड़ित सबडावली रोड हनुमान वाटिका होते हुए जा रहे थे, तभी अचानक उन पर पेड़ा पर गिरा, जिसमें राजेश और सुनीता दोनों घायल हो गए। इस हादसे के मामले में हालांकि इस संबंध में बसवा पुलिस थाने में पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार फर्म रघु कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ मृतक के पिता बद्रीप्रसाद गुर्जर ने प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करवाकर न्याय की गुहार की है।
बबूल का कांटेदार बड़ा पेड़ सिर पर आ गिरा
रिपोर्ट में बताया गया है कि 22 अगस्त को राजेश गुर्जर अपनी भाभी सुनीता गुर्जर को अपने गांव गुवाड़ा तहसील रैणी, अलवर से बसवा के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए लाया था। इलाज करने के बाद दोनों बाइक पर सवार होकर वापस अपने गांव गुवाड़ा की ओर लौट रहे थे। PWD की ओर से सड़क निर्माण किया जा रहा था। ठेकेदार कंपनी की हेवी मशीनरी पेड़ों को काट रही थी। साइन बोर्ड नहीं होने से पीड़ित उस रास्ते पर चले गए। तभी उनके ऊपर एकाएक धड़ाधड़ते हुए एक बड़ा बबूल का कांटेदार पेड़ गिर गया। इस हादसे के कारण दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि सड़क पर चौड़ाइकरण का कार्य किया जा रहा था।
लेकिन बड़े अफसोस इस बात यह रही कि लापरवाह अधिकारियों ने चलते हुए कार्य पर ना तो किसी तरह का अवरोधक लगा रखा था और ना ही कोई सांकेतिक बोर्ड था। जिसके माध्यम से वाहन चालक यह समझ पाएं कि आगे पीडब्ल्यूडी का कार्य प्रगति पर है। पीडब्ल्यूडी और ठेका फर्म दोनों की लापरवाही ने युवक की जान ले ली और उसकी भाभी भी ज़िंदगी से जंग लड़ रही है।
मृतक युवक सरकारी स्कूल में योगा टीचर था
मृतक युवक सरकारी स्कूल में योगा टीचर था और इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। घायल महिला का इलाज अभी जारी है और उसकी हालत भी काफी नाजुक बताई जा रही है।
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